लखनऊ। उत्तर प्रदेश को कृत्रिम बुद्धिमत्ता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक और महत्त्वपूर्ण पहल करते हुए लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के मुख्यालय में “एआई प्रज्ञा“ परियोजना के अंतर्गत एक दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम उत्पादक कृत्रिम बुद्धिमत्ता जनरेटिव एआई तथा साइबर सुरक्षा जैसे समसामयिक विषयों पर केंद्रित रहा, जिसमें मिशन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नवीनतम तकनीकी ज्ञान प्रदान किया गया। यह विशेष पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस दूरदृष्टिपूर्ण सोच का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत प्रदेश को डिजिटल भारत मिशन के अनुरूप आधुनिक तकनीकों से युक्त किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता की बुनियादी अवधारणाओं के साथ-साथ उन्नत तकनीकी टूल्स तथा साइबर सुरक्षा तकनीकों की कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही इन तकनीकों का प्रत्यक्ष प्रदर्शन डेमॉन्स्ट्रेशन प्रस्तुत किया गया, जिससे प्रतिभागियों को व्यवहारिक समझ विकसित करने में सहायता मिली। कौशल विकास मिशन के निदेशक पुलकित खरे ने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि “एआई प्रज्ञा“ परियोजना हम सभी के लिए एक अत्यंत उपयोगी अवसर है। इससे प्रदेश में उच्च तकनीकी क्षमताओं का विकास होगा और हमारे अधिकारी व प्रशिक्षणार्थी भविष्य की कार्य आवश्यकताओं के लिए और अधिक सक्षम बन सकेंगे। विभाग की योजना है कि भविष्य में इसी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के सभी प्रशिक्षण केंद्रों में भी संचालित किए जाएं, जिससे युवाओं की दक्षता में व्यापक वृद्धि हो सके।कार्यक्रम में सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अंतर्गत ई-गवर्नेंस के प्रतिनिधियों एवं माइक्रोसॉफ्ट टीम के तकनीकी प्रतिनिधियों द्वारा साइबर सुरक्षा, डिजिटल व्यवहार, ऑनलाइन संचार के सुरक्षित उपयोग, वित्तीय लेन-देन तथा मोबाइल के प्रयोग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।इस अवसर पर अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह, मिशन के वरिष्ठ अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रतिनिधि, माइक्रोसॉफ्ट टीम के सदस्य एवं बड़ी संख्या में विभागीय कार्मिक उपस्थित रहे।
United Times News Online News Portal