बीआरएस नेता और एमएलसी के. कविता को मेडिकल टेस्ट के लिए हैदराबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें हाल ही में भर्ती कराया गया था और आज टेस्ट होन की उम्मीद है। दिल्ली शराब नीति मामले में तिहार जेल में बंद रहने के दौरान उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिसमें स्त्री रोग और तेज बुखार भी शामिल था।बता दें कि के. कविता सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ही जमानत दी थी। वह 15 मार्च से पुलिस हिरासत में थी। सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता को दो मामलों में 10-10 लाख रुपये का जमानत बांड भरने, गवाहों से छेड़छाड़ न करने और गवाहों को प्रभावित न करने की शर्त पर जमानत दी है।
क्या है दिल्ली शराब नीति घोटाला
नई शराब नीति के अनुसार, दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई। नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है। वहीं, बड़े शराब कारोबारियों को फायदा होने की बात कही जा रही है। भारतीय जनता पार्टी का यही आरोप है। तीन तरह से घोटाले की बात सामने आ रही है। इसे समझने के लिए हम थोड़ा आंकड़ों पर नजर डाल लेते हैं।
Check Also
BJP में शामिल होंगे छगन भुजबल
🔊 पोस्ट को सुनें Maharashtra Politics एनसीपी नेता छगन भुजबल ने आज महाराष्ट्र के सीएम …