महाराष्ट्र सरकार ने तटीय सिंधुदुर्ग जिले में राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के लगभग नौ महीने बाद, उसी स्थान पर योद्धा राजा की 91 फीट ऊंची नई प्रतिमा का अनावरण किया गया। पिछली 35 फीट ऊंची प्रतिमा अगस्त 2024 में, अपनी स्थापना के आठ महीने से भी कम समय बाद ढह गई थी, जिसके कारण महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ व्यापक आक्रोश फैल गया था। उस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस समारोह के दौरान किया था। इस प्रतिमा के ढहने के कारण इसके मूर्तिकार-ठेकेदार जयदीप आप्टे को गिरफ्तार कर लिया गया था। महाराष्ट्र के मालवण में किले में नई भव्य प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि नई प्रतिमा किसी भी वातावरण में कम से कम 100 साल तक टिकी रहे। प्रतिमा के रखरखाव का जिम्मा इसे बनाने वालों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा 91 फीट ऊंची है और इसका आधार 10 फीट ऊंचा है।” प्रतिमा बनाने का ठेका प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार और अनिल सुतार की फर्म राम सुतार आर्ट क्रिएशंस प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है, जिसने गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण किया था। फडणवीस ने कहा कि यह प्रतिमा अतीत में देखे गए तूफानों की तुलना में अधिक तीव्रता वाले तूफानों को झेल सकती है। उन्होंने कहा कि यह शायद देश में छत्रपति शिवाजी की सबसे बड़ी प्रतिमा है। फडणवीस ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना (प्रतिमा गिरने की) के बाद, हमने निर्णय लिया था कि किसी भी परिस्थिति में, हम छत्रपति शिवाजी महाराज की एक और भव्य प्रतिमा बनाएंगे। उन्होंने कहा कि बेहतर सुविधाओं के लिए किले से सटी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने किया है, जिन्होंने गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का भी निर्माण किया था। उन्होंने आईआईटी इंजीनियरों और जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स के प्रमुख के साथ मिलकर इस प्रतिमा का निर्माण किया है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अगस्त 2024 में प्रतिमा के ढह जाने के बाद राज्य सरकार ने ऐसी ही प्रतिमा बनाने का संकल्प लिया था और उसी के अनुसार निर्देश दिए गए थे।
