प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली के शराब घोटाला मामले में ट्रायल कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल करने जा रही है। ईडी ने इस चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल का नाम भी लिखा है। इसमें अरविंद को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। ईडी में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया है। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के मुद्दे पर सुनवाई होने जा रही है। माना जा रहा है की ईडी चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाएगी। ये पहला मौका है जब कोई मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुआ है। इसके साथ ही पहली बार किसी राष्ट्रीय पार्टी को भी आरोपी बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद ईडी चार्जशीट दाखिल करेगी।
21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल
ईडी ने केजरीवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 21 मार्च को यहां उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था जबकि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और विधान पार्षद के. कविता को 15 मार्च को हैदराबाद से हिरासत में लिया गया था। अब माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने मामले से संबंधित कुछ व्यक्तियों और कंपनियों समेत आधा दर्जन संस्थाओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने की तैयारी की है।ईडी इस चार्जशीट के जरिए आरोपियों पर धन शोधन का आरोप लगाएगी। इस आरोप पत्र में पीएमएलए की धारा 45 और 44(1) को शामिल करते हुए इसे दाखिल किया जाएगा। ईडी इस आरोप पत्र में आम आदमी पार्टी का नाम भी शामलि करेगी। इसे मजबूत करने के लिए 2022 में दर्ज मामले में नई संपत्तियों की कुर्की को भी शामिल किया जाएगा। ईडी द्वारा दायर किया जा रहा ये सातवां आरोपपत्र होगा। एजेंसी ने इस मामले में अब तक केजरीवाल के पार्टी सहयोगी व पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और अन्य सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। सिंह को कुछ वक्त पहले जमानत मिल गयी थी। आप सूत्रों ने आरोप लगाया कि यह और कुछ नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आरोपपत्र है और केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी का मकसद सिर्फ केजरीवाल को बदनाम करना है।ईडी सूत्रों ने बताया कि एजेंसी, केजरीवाल पर जांच में असहयोग करने, आप के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते पार्टी द्वारा किए गए अपराध के लिए परोक्ष रूप से उत्तरदायी होने और उनकी भूमिका व रोजमर्रा के मामलों में सक्रिय भागीदारी का आरोप लगा सकती है। ईडी ने 55 वर्षीय केजरीवाल को दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से किए गए आबकारी घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता करार दिया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी, जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
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