लखनऊ । लखनऊ से हज यात्रा पर जाने वाले हाजियों की सुविधा के लिए सरोजिनीनगर लखनऊ स्थित मौलाना अली मियां मेमोरियल हज हाउस में कैंटीन की व्यवस्था की गई है लेकिन यूपी हज कमेटी के अधिकारियों ने हज 2025 के हाजियों के जीवन और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में भी शर्म नहीं की और भ्रष्टाचार में
लिप्त होकर बिना खाद्ध्य लाइसेंस वाली फर्म को हज हाउस की कैंटीन का ठेका दे दिया। इस बात का खुलासा राजाजीपुरम निवासी कंसलटेंट इंजिनियर संजय शर्मा द्वारा की गई एक शिकायत पर खाध्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच रिपोर्ट से हुआ है जिसमें खाध्य विभाग ने संजय को लिखकर दिया है कि हज हाउस की कैंटीन में खान-पान का काम देख रही फर्म के पास फूड लाइसेंस नहीं है। संजय शर्मा ने इस मामले में हाजियों के जीवन और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के इस मामले में यूपी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उप निदेशक और हज कमेटी के सचिव एवं प्रशासनिक अधिकारी शिव प्रकाश तिवारी के साथ-साथ हज कमेटी के ओ.एस.डी. मोहम्मद जावेद खान की मुख्य भूमिका बताई है और इनके साथ साथ टेंडर के आरम्भ से अंत तक की कार्यवाही के लिए हज कमेटी के अन्य सभी उत्तरदाई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार करके टेंडर देने का आरोप लगाया है और इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से की है। संजय बताते हैं कि पिछले साल तक हज कमेटी की वेबसाइट भी नहीं थी और कमेटी मनमानी करके ऑफलाइन टेंडरों में खेल कर रही थी लेकिन उनके द्वारा काफी प्रयास करने के बाद हज कमेटी को मजबूरी में इस वर्ष अपनी वेबसाइट बनाकर ऑनलाइन टेंडर की व्यवस्था शुरू करनी पड़ गई थी। संजय कहते है कि ऑनलाइन टेंडर व्यवस्था लागू होने के बाद भी हज हाउस की कैंटीन में खान-पान का ठेका एक ऐसी फर्म को दे देना जिसके पास फूड लाइसेंस तक नहीं हो, हज कमेटी का एक बहुत ही हैरतअंगेज कारनामा है और पूरी की पूरी ऑनलाइन टेंडरिंग व्यवस्था की शुचिता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है।संजय ने हज 2025 के लिए हज हाउस कैंटीन की संचालक फर्म को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की भी मांग उठाई है।
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