नयी दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 14-15 प्रतिशत ऋण वृद्धि की उम्मीद है। खारा ने कहा, ‘‘ आम तौर पर हम इसे जीडीपी वृद्धि दर और मुद्रास्फीति तथा उसके ऊपर दो से तीन प्रतिशत के योग के आधार पर देखते हैं। इससे हमें करीब 14 प्रतिशत या उसके आसपास का आंकड़ा मिलता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अतः 14-15 प्रतिशत ऋण वृद्धि, ऋण देने के लिए उपलब्ध अवसरों पर निर्भर करती है। यह हमारी जोखिम क्षमता को पूरा करती है। हमें इस गति से वृद्धि करने में खुशी होगी।’’ उन्होंने कहा कि जहां तक जमाराशि का सवाल है, पिछले साल इसमें 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास अतिरिक्त एसएलआर के मामले में कुछ गुंजाइश है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हमारे ऋण-से-जमा अनुपात को सहारा देने के लिए जमा दरें बढ़ाने का हम पर कोई दबाव नहीं है।’’ बैंक का अतिरिक्त वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से चारलाख करोड़ रुपये के बीच है। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां तक गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) का सवाल है ‘‘ हमें शुद्ध और सकल दोनों के लिए नीचे की ओर जाना चाहिए। हालांकि, कोई भी अनुमान लगाना बहुत कठिन है क्योंकि यह वृहद अर्थव्यवस्था पर भी निर्भर है।’’ बैंक अपने बहीखाते को वृहद तनाव से बचाने की कोशिश कर रहा है, फिर भी एनपीए पर किसी भी तरह का मार्गदर्शन देना मुश्किल है।
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