बेंगलुरु कर्नाटक सरकार में मंत्री एमबी पाटिल ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इसे लागू करना जटिल विकल्प है। पहले की स्थिति कुछ और थी, लेकिन आज की स्थिति कुछ और है। अगर हम देश में सभी चुनाव एक साथ कराना चाहते हैं, तो इसके लिए हमें वैज्ञानिक तरीके से सोचना होगा। एमबी पाटिल ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र सरकार का विरोध किया। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में महज अपने प्रमोशन के लिए यह फैसला लिया है। अगर आप आज की मौजूदा स्थिति को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से देखें, तो आपको पता चलेगा कि देश में एक साथ सभी चुनाव कराना असंभव है। यह एक जटिल और खर्चीला विकल्प साबित होगा।” उन्होंने आगे कहा, “प्रथम दृष्टया देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे सत्तारूढ़ दल भाजपा ने महज अपने सियासी फायदे के लिए यह कदम उठाया हो। सरकार को इस पर सर्वसम्मति से सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कोई भी फैसला लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।”उन्होंने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को भारत की मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य का हवाला देकर जटिल और असंभव बताया। उन्होंने कहा, “इसे जमीन पर पूर्णतरू लागू करना किसी भी कीमत में संभव नहीं है।”मंत्री एमबी पाटिल ने कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष विजयेंद्र के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीएम की कुर्सी हिल रही है। बयान पर पलटवार कर पाटिल ने कहा, “पहले आप अपनी कुर्सी संभाल लीजिए, आपकी कुर्सी ना जाने कब से हिल रही है। आप मुख्यमंत्री की कुर्सी की चिंता करना छोड़ दीजिए। पहले अपनी कुर्सी की चिंता कीजिए। पहले आप अपनी कुर्सी ठीक करो, इसके बाद दूसरे की कुर्सी की चिंता करना।”बता दें कि बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक देश, एक चुनाव’ (वन नेशन, वन इलेक्शन) के संबंध में पेश हुए प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। इसके बाद से देशभर में लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहें हैं। सत्तारूढ़ दल बीजेपी देश में एक साथ सभी चुनाव कराए जाने की वकालत कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस इसे एक जटिल विकल्प बताकर इसका विरोध कर रही है।
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