मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने कथित घोटाले के सिलसिले में राज्यपाल थावरचंद गहलोत के अभियोजन आदेश के विरुद्ध मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद भाजपा सिद्धारमैया सहित कांग्रेस पर हमलावर हो गई। भाजपा लगातार सिद्धारमैया से इस्तीफे की मांग कर रही है। दूसरी ओर सिद्धारमैया का दावा है कि वह निर्दोश हैं और कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा है। कांग्रेस पार्टी भी पूरी तरह से सिद्धरमैया के साथ खड़ी दिखाई दे रही है। हालांकि, पूरे मामले को लेकर जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुप्पी साध रखी है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बड़ा सवाल यही है कि क्या कांग्रेस में सबकुठ ठीकठाक है। मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि हाईकमान ने मामले को समझ लिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सिद्धारमैया के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। हमें वह क्यों करना चाहिए जो हमारी प्रतिद्वंद्वी पार्टियां हमसे कराना चाहती हैं?वेणुगोपाल ने कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल “एक लोकप्रिय, जन-समर्थक सरकार को अस्थिर करने” की कोशिश कर रहे थे, जिसका नेतृत्व एक ऐसा व्यक्ति कर रहा था जो एक साधारण पृष्ठभूमि से सीएम कार्यालय तक पहुंचा था। सूत्रों ने कहा कि सिद्धारमैया को बदलने के कदम से उनके प्रति वफादार विधायकों में असंतोष फैल सकता है। माना जाता है कि राहुल और खड़गे व्यक्तिगत रूप से वरिष्ठ पदाधिकारियों से बात कर रहे हैं, और जल्द ही सिद्धारमैया और उनके डिप्टी डीके शिवकुमार को दिल्ली बुलाने की संभावना है।
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