86 वर्ष की उम्र में रतन टाटा का बुधवार रात को निधन हो गया। रतन टाटा अपने पीछे एक महान विरासत छोड़कर गए हैं। पूरे देश में रतन टाटा के निधन से दुख की लहर है। रतन टाटा के करीबी सहयोगी रहे शांतनु नायडू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर दिग्गज उद्योगपति के निधन पर दुख साझा किया है। 86 वर्ष की उम्र में रतन टाटा का बुधवार रात को निधन हो गया। रतन टाटा अपने पीछे एक महान विरासत छोड़कर गए हैं। पूरे देश में रतन टाटा के निधन से दुख की लहर है।
रतन टाटा के निधन पर शांतनु नायडू ने सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘इस दोस्ती ने मेरे अंदर जो खालीपन पैदा कर दिया है, मैं अपनी बाकी की जिंदगी उसे भरने में लगा दूंगा। दुख ही प्यार की कीमत है। अलविदा, मेरे प्यारे प्रकाशस्तंभ।’शांतनु नायडू और रतन टाटा की दोस्ती साल 2014 में शुरू हुई। दरअसल रतन टाटा जानवरों के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते हैं। शांतनु नायडू भी बेसहारा जानवरों के कल्याण के लिए काम करते हैं और उन्होंने बेसहारा कुत्तों को हादसों से बचाने के लिए खास कॉलर का ईजाद किया था। इसके बाद ही शांतनु नायडू और रतन टाटा की मुलाकात हुई। रतन टाटा ने ही शांतनु नायडू को उनके साथ काम करने का ऑफर दिया, जिसे शांतनु ने स्वीकार कर लिया। शांतनु नायडू के अक्सर रतन टाटा के साथ देखा जाता था। महाराष्ट्र के पुणे में जन्मे शांतनु नारायण टाटा ट्रस्ट में डिप्टी जनरल मैनेजर के पद पर भी हैं और रतन टाटा के साथ दिखने की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। शांतनु नायडू का परिवार भी टाटा समूह के साथ काम करता है।
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