भारत सरकार ने जैव ईंधन को एक नया स्वरूप देने के लिए ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है। विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत सरकार के इस कदम से देश में जैव ईंधन को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगाा। भारत ने जैव ईंधन को नया स्वरूप देने के लिए एक अनोखी पहल की ओर अपना कदम आगे किया है। जी 20 में कई मेजबान देशों के साथ शुरू की गई पहल ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस के साथ अब भारत ने समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय ने साझा की है। भारत सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम से अब जैव ईंधन को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस के साथ मेजबान देश समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अब भारत में एलायंस का सचिवालय आधिकारिक रूप से स्थापित किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
भारत सरकार द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि समझौते पर विदेश मंत्रालय के सचिव दम्मू रवि और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने हस्ताक्षर किए, जो वर्तमान में ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस के अंतरिम महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं। बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 अक्टूबर को समझौते पर हस्ताक्षर और अनुसमर्थन को पहले ही मंजूरी दे दी थी। विदेश मंत्रालय ने आगे बताया कि यह समझौता ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारियों के संयोजन के साथ भारत में अपना सचिवालय स्थापित करने में सक्षम बनाएगा, जो इसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस को भारत में अपना सचिवालय स्थापित करने में मदद करेगा, जिसमें भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों कर्मचारी शामिल होंगे।
जी20 के दौरान किया गया था लॉन्च
भारत के लिए ये समझौता जैव ईंधन को नई दिशा देने में रामबाण साबित हो सकती है। वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन को 9 सितंबर, 2023 को भारत के जी20 प्रेसीडेंसी के दौरान भारतीय प्रधान मंत्री और अर्जेंटीना, बांग्लादेश, ब्राजील, इटली, मॉरीशस, सिंगापुर, यूएई और यूएसए सहित आठ अन्य देशों के नेताओं द्वारा लॉन्च किया गया था।
क्या है GBA का उद्देश्य
बात अगर अब ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस के उद्देश्य की करें तो इस पहल का उद्देश्य फीडस्टॉक उपलब्धता, अनुकूल नीति ढांचे को विकसित करने और बायोमास आपूर्ति श्रृंखला में सुधार जैसी प्रमुख चुनौतियों का समाधान करके जैव ईंधन के वैश्विक उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त, GBA जैव ईंधन उत्पादन में निवेश को आकर्षित करना चाहता है, विशेष रूप से स्वच्छ खाना पकाने के लिए, साथ ही जैव ईंधन के लिए सामान्य तकनीकी मानकों और प्रमाणपत्रों को परिभाषित करने की दिशा में भी काम कर रहा है ताकि उनके वैश्विक अपनाने को प्रोत्साहित किया जा सके।
