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न्याय की मांग को लेकर लगातार 10वें दिन भूख हड़ताल जारी


पिछले कुछ दिनों में जब दुर्गा पूजा उत्सव चल रहा था, तब बड़ी संख्या में आम लोग भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचे। जूनियर डॉक्टर आरजी कर अस्पताल की पीड़िता के लिए न्याय और स्वास्थ्य सचिव को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं।कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई भयावह घटना को लेकर अभी भी देशभर में गुस्सा है। न्याय और कार्यस्थल की सुरक्षा की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी है। एक हफ्ते से अधिक समय से अनशन पर बैठे हुए हैं। भूख हड़ताल पर बैठे एक और डॉक्टर की हालत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डॉक्टर की बिगड़ी तबियत
अधिकारियों ने बताया कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य को पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद रविवार रात अस्पताल ले जाया गया। इससे पहले, भूख हड़ताल पर बैठे तीन जूनियर डॉक्टरों को उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, ‘पुलस्थ सीसीयू में भर्ती हैं। उनके पैरामीटर खराब हो गए हैं। हमने उनका इलाज करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया है।’
मुख्य सचिव ने जेपीडी को लिखा पत्र
इस बीच, मुख्य सचिव मनोज पंत ने रविवार को डॉक्टरों के संयुक्त मंच (जेपीडी) को पत्र लिखकर उनसे 15 अक्तूबर को प्रस्तावित प्रदर्शन वापस लेने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि यह प्रदर्शन राज्य सरकार के वार्षिक ‘दुर्गा पूजा कार्निवल’ के आयोजन के साथ हो रहा है। उन्होंने उनकी मांगों पर चर्चा के लिए सोमवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन में एक बैठक के लिए उन्हें आमंत्रित किया था।एक ईमेल में पंत ने जेपीडी से जूनियर डॉक्टरों को उनके स्वास्थ्य और कुशलता के हित में भूख हड़ताल खत्म करने की सलाह देने का भी अनुरोध किया।
डॉक्टर्स की ये हैं मांगें
पिछले कुछ दिनों में जब दुर्गा पूजा उत्सव चल रहा था, तब बड़ी संख्या में आम लोग भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचे। जूनियर डॉक्टर, आरजी कर अस्पताल की पीड़िता के लिए न्याय और स्वास्थ्य सचिव को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली की शुरुआत, कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है।
पांच अक्तूबर से अनशन जारी
डॉक्टर्स की भूख हड़ताल की शुरुआत पांच अक्तूबर को हुई, जो दो चरणों में लगभग 50 दिनों के ‘काम बंद’ के बाद शुरू हुई। भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से स्थिति बिगड़ने से पहले हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स ने आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाते हुए पश्चिम बंगाल में 14 अक्टूबर से 48 घंटे के लिए ‘आंशिक रूप से काम बंद’ करने का आह्वान किया है। वहीं फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने भी चेतावनी दी है कि अगर प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है तो वे देश भर में ‘चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह से बंद’ कर देंगे।
क्या है मामला?
नौ अगस्त की वो भयावह सुबह कोई नहीं भूल सकता, जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की लाश मिली थी। जब मामला विवादों में आया, तो पता चला कि डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ था। यह मामला कोलकाता हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और फिर सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी गई। घटना के लगभग दो महीने बाद महिला डॉक्टर को इंसाफ मिलने की उम्मीद नजर आ रही है। महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में कलकत्ता पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार किया था।

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