प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज भारत में रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अगर हमने 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए होते, तो आज इस स्तर तक पहुंचना असंभव होता।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के वडोदरा में टाटा के विमान विनिर्माण प्लांट का उद्घाटन किया। इस दौरान स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज भी उनके साथ रहे। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने रतन टाटा को याद किया और कहा कि देश ने एक महान सपूत खो दिया। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने भी इस मौके पर रतन टाटा को याद किया और कहा कि उनकी दूरदर्शिता की वजह से ही आज देश में विमान निर्माण प्लांट की शुरुआत हो रही है।
रतन टाटा को याद कर ये बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ‘हाल ही में हमने देश के महान सपूत रतन टाटा जी को खो दिया। अगर आज वो हमारे बीच होते तो उन्हें खुशी होती, लेकिन उनकी आत्मा जहां भी होगी, वो खुश होगी। ये सी-295 विमान फैक्ट्री नए भारत की नई कार्य संस्कृति को दर्शाती है। जब मैं गुजरात का सीएम था, तब वडोदरा में ट्रेन के कोच बनाने के लिए फैक्ट्री लगाने का फैसला लिया गया था। रिकॉर्ड समय में फैक्ट्री को उत्पादन के लिए तैयार भी कर दिया गया। आज हम उस फैक्ट्री में बने मेट्रो कोच दूसरे देशों को निर्यात कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में इस फैक्ट्री में बने विमान भी दूसरे देशों को निर्यात किए जाएंगे।’
देश में बड़े पैमाने पर हो रहा रक्षा विनिर्माण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज भारत में रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अगर हमने 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए होते, तो आज इस स्तर तक पहुंचना असंभव होता। उस समय कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर रक्षा विनिर्माण हो सकता है। लेकिन हमने नए रास्ते पर चलने का फैसला किया, अपने लिए एक नया लक्ष्य निर्धारित किया। और आज नतीजा हमारे सामने है।’ इस दौरान प्रधानमंत्री ने रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी, सार्वजनिक क्षेत्र को कुशल बनाने का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो बड़े रक्षा गलियारे बनाए जा रहे हैं।
टाटा संस के चेयरमैन बोले- उन्होंने ही इस प्लांट का सपना देखा था
कार्यक्रम के दौरान टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि ‘इस मौके पर अगर मैं रतन टाटा का जिक्र नहीं करूंगा तो इसका मतलब होगा कि मैं सही तरीके से जिम्मेदारी नहीं निभा पाया। करीब एक दशक पहले रतन टाटा ने ही इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। साल 2012 में टाटा संस के तत्कालीन चेयरमैन रतन टाटा ने एयरबस के साथ साझेदारी को मजबूत करने के ढांचे का निर्माण किया था और इसकी आधारशिला रखी थी। इस मौके पर मैं उनके दूरदर्शी नेतृत्व को याद कर रहा हूं, जिन्होंने इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट की शुरुआत की। यह न सिर्फ टाटा संस बल्कि भारत के लिए भी ऐतिहासिक पल है।’
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