तेलंगाना और कर्नाटक सरकार के आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले पर मायावती बरसीं। कहा कि भाजपा-कांग्रेस आपसी एकता की दुश्मन हैं। इनसे संविधान को खतरा बढ़ा है। तेलंगाना और कर्नाटक सरकार ने आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला लिया है। इस पर बसपा सुप्रीमो एवं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विरोध जताया है। उन्होंने इसे दलित विरोधी बताया। इस पर उन्होंने भाजपा और कांग्रेस को निशाने पर लिया। कहा कि ये पार्टियां आपसी एकता की दुश्मन हैं। दोनों को एक ही थाली के चट्टे-बट्टे बताया। मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यह नीति देश के करोड़ों शोषित और उपेक्षित दलितों के आरक्षण विरोधी है। लिखा कि पार्टियों से समाज एवं संविधान को खतरा घटा नहीं, बल्कि बढ़ा है।
आरक्षण के भीतर आरक्षण बड़ा षड़यंत्र
कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार के बाद अब तेलंगाना एवं कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भी वही कदम उठाया है। कांग्रेस भी दलितों को बांटने के लिए उनके आरक्षण के भीतर आरक्षण की नई व्यवस्था को लागू करने का फैसला लिया है। यह वास्तव में आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने के षड़यंत्र का नया प्रयास है।
हमें इनके हथकंडों से रहना सावधान
कहा कि भाजपा, कांग्रेस और सपा एससी-एसटी एवं अन्य उपेक्षितों की राजनीतिक शक्ति को खतरा मानती है। ये सभी जातिवादी पार्टियां विभाजनकारी इरादों से काम कर रही हैं। इनके साम, दाम, दण्ड, भेद यानी सभी हथकंडों से अति-सावधानी जरूरी है। ताकि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का कारवां कमजोर न होकर मजबूत बना रहे।1. देश के करोड़ों शोषित व उपेक्षित दलितों के आरक्षण विरोधी तथा उनकी आपसी एकता की दुश्मन जातिवादी पार्टियों द्वारा आरक्षण में कोटे के बंटवारे के प्रति सक्रियता से यह साबित है कि भाजपा व कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं तथा उनसे समाज व संविधान को खतरा घटा नहीं बल्कि बढ़ा है।
