सांसद श्री थानेदार ने अमेरिका के वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से बांग्लादेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों के जमात-ए-इस्लामी को रोकने में नाकाम रही है, जो अल्पसंख्यकों को निशाना बनाती है। अमेरिका के सांसद श्री थानेदार ने बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने अपने वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से मांग की कि ढाका में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जघन्य अपराध करने वालों पर प्रतिबंध लगाए जाएं। श्री थानेदार ने कहा, मैं अमेरिका के वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से अपील करता हूं कि वे बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जघन्य कृत्यों को अंजाम देने वालों पर प्रतिबंध लगाएं। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने यह बात बुधवार दोपहर यूएस कैपिटल के बाहर कही, जहां देश के विभिन्न हिस्सों से हिंदू अमेरिकी पहुंचे हुए थे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जुलाई से राजनीतिक हिंसा बढ़ी है, जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़ना पड़ा। इसके बाद हमने देखा कि बांग्लादेश राजनीतिक उथल-पुथल में फंस गया है और वहां के हिंदू, बौद्ध और ईसाई अल्पसंख्यक समुदायों को बहुसंख्यक मुसलमान निशाना बना रहे हैं, जिसमें उनके पूजा स्थल भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने शांति और स्थिरता हासिल करने की कोशिश की है। लेकिन मुझे इस नई अंतरिम सरकार को लेकर कुछ चिंताएं हैं। मुझे उम्मीद है कि हमारी मदद से बांग्लादेश इन संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान ढूंढेगा। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद ने कहा, अमेरिका का इतिहास हमेशा पीड़ितों का समर्थन करने का रहा है और इस मामले में भी ऐसी होना चाहिए। उन्होंने कहा, जब भी हमसे दुनियाभर से मदद की गुहार लगाई जाती है, तो हमें मानवाधिकारों के मामले में दुनिया का मार्गदर्शन करने वाले देश के रूप में सही तरीके से प्रतिक्रिया देनी चाहिए। हमें अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस से यह कहना चाहिए कि वह शांति बहाल करने और देश में समानता और न्याय के अपने वादे को पूरा करें। उन्होंने कहा, हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है, जलाया गया है और अपवित्र किया गया है। इस महीने ही ढाका में हिंदू लोगों पर एक संगठित हमले में इस्कॉन के केंद्र को जला दिया गया। इससे पहले बांग्लादेश में 70 से अधिक मंदिरों पर इसी तरह के हमले हुए थे, जिसमें हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया। हिंदू धर्मगुरुओं को लगातार संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया जाता है और कमजोर समुदाय के लोगों को डर के कारण अपने घर को छोड़ने को मजबूर होना पड़ता है।
‘अल्पसंख्यकों के लिए स्वायत्त क्षेत्र बनाना जरूरी’
‘हिंदू एक्शन’ के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले पांच महीनों में जो कुछ हुआ है, वह स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि मोहम्मद यूनुस अपने सहयोगी जमात-ए-इस्लामी को रोकने में विफल रहे हैं, जो देशभर में घूम-घूमकर मंदिरों को जला रहे हैं, लोगों को मार रहे हैं, महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं और हिंदू समुदाय के संतों और धर्मगुरुओं के खिलाफ अत्याचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारी मौजूदा और आने वाली सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बांग्लादेश पर प्रतिबंध लगाए, जैसा कि सांसद श्री थाने ने भी कहा है। यह जरूरी है कि हम बांग्लादेश की सीमाओं के भीतर हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों के लिए एक सुरक्षित और स्वायत्त क्षेत्र बनाने के लिए रास्ता स्पष्ट करना चाहिए।
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