दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती जारी है और नवीनतम रुझानों से पता चलता है कि कांग्रेस लगातार तीसरी बार खाता खोलने में नाकामयाब रहने वाली है। रुझानों के अनुसार, पार्टी बादली सीट से मतगणना के शुरुआती दौर में आगे चल रही थी। हालांकि अब सभी निर्वाचन क्षेत्रों में पीछे चल रही है। कांग्रेस ने 2013 तक 15 वर्षों तक राष्ट्रीय राजधानी पर शासन किया। उसने मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ चुनाव से पहले कई रैलियां आयोजित करके शहर की राजनीति में अपना पैर जमाने की पूरी कोशिश की थी।अब कांग्रेस के दिल्ली चुनाव में प्रदर्शन को लेकर वीडियो भी वायरल हो रहा है। बीजेपी की नेता राधिका खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। वीडियो में कांग्रेस कार्यकर्ता नाचते नजर आ रहे हैं। वीडियो को शेयर करते हुए बीजेपी नेता ने लिखा कि दिल्ली में 4.26% वोट वाली कांग्रेस का ‘भांगड़ा’ देख कर लगा, जैसे सियासी दफ्तर नहीं, ‘पागलखाने का वार्ड’ खुल गया हो! जिनकी राजनीति को जनता ने बार-बार नकारा, वो अब अपनी हार पर ही जश्न मनाने में मस्त हैं! कांग्रेस का नया नारा है- हारो, नाचो, भूल जाओ। कई एग्जिट पोल ने कांग्रेस के लिए शून्य की हैट्रिक की भविष्यवाणी की थी। आखिरी बार कांग्रेस ने दिल्ली में अपना खाता 2013 के विधानसभा चुनाव में खोला था जब उसने आठ सीटें जीती थीं। पार्टी ने 24.55 फीसदी वोट शेयर हासिल किया था, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 33.07 फीसदी और आम आदमी पार्टी (आप) को 29.49 फीसदी वोट शेयर मिला था। 2013 में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा को 31 सीटें मिलीं, जो 70 सदस्यीय सदन में आवश्यक बहुमत से पांच सीटें कम थीं।
