कैबिनेट के एक बड़े फैसले में पंजाब की भगवंत मान सरकार ने प्रशासनिक सुधार विभाग को खत्म कर दिया। सरकार ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर इस फैसले की घोषणा की है। आधिकारिक गजट में कहा गया है कि अब तक मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे कुलदीप सिंह धालीवाल के पास केवल एनआरआई मामलों का विभाग रहेगा। यह कदम भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार के बड़े प्रशासनिक बदलाव का हिस्सा है, जिसमें 21 आईपीएस अधिकारियों का स्थानांतरण भी शामिल है।अब इसी को लेकर कई अटकले लगनी शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, आप सरकार को तब शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब उन्हें एहसास हुआ कि धालीवाल को इसका प्रमुख आवंटित किए जाने के बावजूद यह विभाग अस्तित्व में ही नहीं है। पंजाब में आखिरी कैबिनेट फेरबदल सितंबर 2024 में हुआ था जब मान ने पांच नए मंत्रियों को शामिल किया था और चार को हटा दिया था। राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 16 मंत्री हैं। इस बीच, विपक्षी भाजपा ने पंजाब में आप सरकार पर निशाना साधा और व्यंग्यात्मक ढंग से इस कदम को “केजरीवाल मॉडल” करार दिया।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने मान का मजाक उड़ाते हुए शनिवार को ट्वीट किया, “पंजाब में प्रशासनिक सुधार मंत्री थे, लेकिन प्रशासनिक सुधार मंत्रालय नहीं था। सीएम भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार इस बात से तब तक अनजान थी जब तक उसने प्रशासनिक सुधार मंत्री का टैग नहीं मिटा दिया। यह केजरीवाल मॉडल है।” अपनी टिप्पणियों में, भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को “एक ढोंगी व्यक्ति कहा, जिसे सार्वजनिक जीवन से निकाल दिया जाना चाहिए”।
