असम में पाकिस्तान के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट पर अब तक 42 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय धरती पर पाकिस्तान प्रेम रखने के लिए तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच उन्होंने ऐसे लोगों को सख्त हिदायत भी और पाकिस्तान का नापाक चेहरा उजागर किया।असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भारत में बैठकर पाकिस्तान की पैरवी करने वालों जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी का आनंद लेते हुए पाकिस्तान की पैरवी करना आदर्शवाद नहीं है। पड़ोसी देश में भारत की पैरवी बर्दाश्त नहीं की जाती, हमारे यहां फिर भी इसे बर्दाश्त किया जाता है, उस पर बहस की जाती है।असम के मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘भारत में जो लोग जमीनी हकीकत को समझे बिना अमन की आशा का उपदेश देते रहते हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए- पाकिस्तान में भारत के साथ शांति की बात करना अपराध माना जाता है। भारत में पाकिस्तान के साथ शांति की बात करना बर्दाश्त किया जाता है। इस पर बहस होती है, यहां तक कि मुख्यधारा के मंचों पर इसे बढ़ावा भी दिया जाता है। भारत की आजादी का आनंद लेते हुए पाकिस्तान के बारे में प्यार भरी बातें करना आदर्शवाद नहीं है। यह अज्ञानता है। यह पाखंड है और अपनी मातृभूमि के साथ विश्वासघात है।’सीएम सरमा ने पाकिस्तान का नापाक चेहर भी उजागर किया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान भारत समर्थक लोगों के साथ कैसा बर्ताव करता है। उनकी आवाज को कैसे दबाता है। उनके खिलाफ कैसे-कैसे षडयंत्र रचता है। सीएम सरमा ने लिखा..भारत समर्थक भावना वाले हर पोस्ट, ट्वीट या लेख पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों खास तौर पर आईएसआई की नजर होती है। छात्रों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को नियमित रूप से निगरानी सूची में रखा जाता है।पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (PTA) सक्रिय रूप से भारत की पैरवी वाली सामग्री को ब्लॉक या हटा देता है। शांति या संवाद को बढ़ावा देने वाले हैशटैग भी बिना किसी स्पष्टीकरण के मिटा दिए जाते हैं।पाकिस्तान के कठोर साइबर अपराध कानून (PECA) के तहत भारत समर्थक किसी भी चीज को व्यक्त करने के लिए लोगों को गिरफ्तार किया जाता है। देश विरोधी और दुश्मन का महिमामंडन जैसे अस्पष्ट आरोपों का इस्तेमाल तर्क की आवाजों को चुप कराने के लिए किया जाता है।
