भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी हाफिज अब्दुल रऊफ की एक फोटो निकाली जिसमें हाफिज अब्दुल रऊफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार के दौरान वर्दीधारी पाकिस्तानी सेना के जवानों के साथ खड़ा था। दोराईस्वामी ने फोटो शेयर करते हुए आगे कहा है- पाकिस्तानी सेना आतंकियों को राजकीय सम्मान दे रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा स्काई न्यूज से बात करते हुए एक प्रतिबंधित आतंकवादी हाफिज अब्दुल रऊफ की फोटो दिखाई है। ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने स्काई न्यूज के साथ इंटरव्यू में पाकिस्तान सेना पर आतंकवादियों को ‘राजकीय अंतिम संस्कार’ देने का गंभीर आरोप लगाया। यल्दा हकीम से बात करते हुए दोराईस्वामी ने अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी हाफिज अब्दुल रऊफ की एक फोटो निकाली, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के भाई हाफिज अब्दुर रऊफ के साथ, ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा मारे गए आतंकवादियों को अंतिम संस्कार में शामिल होते हुए दिखाई दे रहा है।
दोराइस्वामी ने कहा,
पिछले 30 वर्षों में, दुनिया को पाकिस्तान को अपनी धरती पर आतंकवादी ढांचे को खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहिए था, जिसका उसने वादा किया था, लेकिन कभी नहीं किया। भारतीय दूत ने साफ लहजे में कहा कि अगर पाकिस्तान भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करना बंद कर दे तो यह मामला खत्म हो जाएगा।
आप आतंकवादियों को अंतिम संस्कार देने जा रहे हैं तो…
विक्रम दोराइस्वामी ने कहा, ‘मैं आपको कल की यह तस्वीर दिखाता हूं’ मुझे लगता है कि यह आपके दर्शकों के लिए है। यहां मौजूद यह व्यक्ति अमेरिकी प्रतिबंध व्यवस्था के तहत एक प्रतिबंधित आतंकवादी है। उसका नाम हाफिज अब्दुर रऊफ है। वह उस आतंकवादी समूह के संस्थापक का भाई है जिसका आप जिक्र कर रहे हैं। देखिए उसके पीछे कौन है। पाकिस्तानी सेना, वहां ताबूतों को देखिए। उन पर पाकिस्तानी राष्ट्रीय ध्वज है।
प्रेस ब्रीफिंग में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा ने पेश किए सबूत
अगर आप आतंकवादियों को राजकीय अंतिम संस्कार देने जा रहे हैं, तो यह आपकी व्यवस्था का क्या मतलब है?नई दिल्ली में एक प्रेस ब्रीफ़िंग में भारत द्वारा साझा की गई तस्वीर को इस बात के सबूत के रूप में प्रस्तुत किया गया कि भारत दशकों से यह मानता रहा है कि पाकिस्तान और विशेष रूप से उसका सैन्य प्रतिष्ठान न केवल आतंकवादियों को पनाह देता है बल्कि आधिकारिक तौर पर उनका समर्थन भी करता है।
