अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के साथ मध्यस्थता की पेशकश कर विवाद खड़ा कर दिया है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ट्रंप के हालिया बयान की आलोचना की और मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। सिब्बल ने कहा कि ट्रंप के बयान से कई सवाल उठेंगे और विपक्ष को इस मुद्दे पर गलत जानकारी दी गई।कपिल सिब्बल ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘इस ट्वीट पर भी कई सवाल उठेंगे… तो क्या हुआ (भारत-पाकिस्तान समझौते के बारे में), कैसे और क्यों, इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी गई है… इसलिए हम आज कोई आलोचना नहीं करेंगे। हम केवल एक विशेष संसद सत्र और एक सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहते हैं।’उन्होंने आगे कहा, ‘मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करना चाहता हूं कि जब तक सरकार उन्हें आश्वासन नहीं देती कि प्रधानमंत्री भी बैठक में मौजूद रहेंगे, तब तक वे बैठक में शामिल न हों… मुझे पूरा भरोसा है कि अगर डॉ. मनमोहन सिंह आज प्रधानमंत्री होते, तो वे सर्वदलीय बैठक में मौजूद होते और एक विशेष सत्र भी बुलाया जाता।’इससे पहले, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने रविवार को कहा कि यह मुद्दा बाइबिल में वर्णित 100 साल पुराना संघर्ष नहीं है, बल्कि यह केवल 78 साल पहले शुरू हुआ था। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘अमेरिकी प्रतिष्ठान में किसी को अपने राष्ट्रपति @POTUS @realDonaldTrump को गंभीरता से शिक्षित करने की आवश्यकता है कि कश्मीर बाइबिल में वर्णित 1000 साल पुराना संघर्ष नहीं है। यह 22 अक्टूबर, 1947-78 साल पहले शुरू हुआ था, जब पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर के स्वतंत्र राज्य पर आक्रमण किया था, जिसे बाद में 26 अक्टूबर, 1947 को महाराजा हरि सिंह द्वारा ‘पूर्ण’ रूप से भारत को सौंप दिया गया था, जिसमें अब तक पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्र शामिल हैं। इस सरल तथ्य को समझना कितना मुश्किल है?’
