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बिजलीकर्मियों ने पीएम मोदी से कहा: डराओ नहीं, निजीकरण रोको या पूर्वांचल होगा बंद!


उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक बार फिर बिजलीकर्मी निजीकरण के खिलाफ बगावत के मूड में नजर आए। मंगलवार को भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय के बाहर भारी संख्या में जुटे विद्युतकर्मियों ने जबरदस्त नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि अगर बिजली के निजीकरण की साजिश बंद नहीं हुई, तो पूर्वांचल के 22 हजार बिजलीकर्मी एकजुट होकर पूरे क्षेत्र में कार्य बहिष्कार करने को मजबूर होंगे। प्रदर्शनकारियों ने प्रबंध निदेशक द्वारा की गई कार्यवाही पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि सिर्फ ट्रांसफर की कार्रवाई नहीं, अगर हिम्मत है तो प्रदेश के सारे 22 हजार बिजलीकर्मियों पर कार्यवाही करो। लेकिन निजीकरण की आड़ में जनता के साथ विश्वासघात नहीं होने देंगे।प्रदर्शनकारियों ने एलान किया कि यह लड़ाई सिर्फ बिजली कर्मियों की नहीं बल्कि आम जनता की भी है, जिन्हें आने वाले समय में महंगी बिजली और घटिया सेवाओं का सामना करना पड़ेगा। संघर्ष समिति के नेताओं ने साफ कहा कि कोई भी कर्मचारी किसी दबाव या डर से निजीकरण को स्वीकार नहीं करेगा। पूर्वांचल की धरती वीरों की है, और यहां के कर्मचारी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से कभी पीछे नहीं हटते।वक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रबंध निदेशक जानबूझकर बिजलीकर्मियों को भड़काने का काम कर रहे हैं। भयंकर गर्मी के इस दौर में कर्मचारी जहां उपभोक्ताओं को बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, वहीं ऊपर से उन्हें दंडात्मक कार्रवाई का शिकार बनाया जा रहा है। कर्मचारियों ने चेताया कि अगर इसी तरह उत्पीड़न जारी रहा तो कार्य बहिष्कार के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा, जिससे पूरे पूर्वांचल में बिजली संकट गहराना तय है।संघर्ष समिति ने बताया कि 87 अभियंताओं को सिर्फ इसलिए चार्जशीट दी गई क्योंकि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार किया था। जबकि समिति पहले ही प्रबंधन को सूचित कर चुकी थी कि गर्मी में उपभोक्ताओं की सेवा प्राथमिकता पर है। इसके बावजूद अधिकारियों को डांटना, फटकारना और फिर दंडात्मक ट्रांसफर करना दुर्भावनापूर्ण रवैये का प्रतीक है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि यह सब दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की तैयारी के तहत किया जा रहा है।सभा की अध्यक्षता ई. नरेंद्र वर्मा और संचालन अंकुर पांडेय ने किया। वक्ताओं में मायाशंकर तिवारी, ओ.पी. सिंह, एस.के. सिंह, दीपक गुप्ता, संतोष वर्मा, जिउतलाल, विजय नारायण हिटलर, मोनिका केशरी, नेहा कुमारी समेत कई अन्य शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह आंदोलन निजीकरण रुकवाने तक जारी रहेगा और अगला विरोध प्रदर्शन बुधवार को दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक फिर भिखारीपुर कार्यालय पर किया जाएगा।इस दौरान अंकुर पांडेय, मीडिया प्रभारी, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश, वाराणसी भी मौजूद रहे।

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