लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने खातिर किसान कल्याण मिशन अभियान शुरू करने जा रही है। प्रदेश के हर ब्लाक में किसान मेला व प्रदर्शनी लगाकर केंद्र व राज्य सरकार की खेती किसानी से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। मेलों व प्रदर्शनियों में संबंधित क्षेत्र के गांवों के किसान, बटाईदार, पशुपालक और श्रमिकों को आमंत्रित किया जाएगा। खाद बीज व कृषि यंत्र से लेकर गाय भैंस, भेड़-बकरी आदि से जुड़ी योजनाओं का मौके पर ही लाभ भी पहुंचाया जाएगा। किसानों,श्रमिकों बटाईदारों, पशुपालकों का रजिस्ट्रेशन होगा। अभियान में सरकार के आधा दर्जन से अधिक विभाग हाथ बंटाएंगे।किसान कल्याण मिशन अभियान इस माह के अन्तिम सप्ताह से शुरू करने की योजना है। कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा से जुड़े विभागों को आपसी सामन्जस्य के साथ अभियान में जुटने को कहा गया है। मेले व प्रदर्शनियों में संबंधित विभागों कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, ग्राम्य विकास, कृषि विपणन, सिंचाई, लघु सिंचाई विभाग के स्टॉल लगेंगे जिनपर किसानों व ग्रामीणों के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। विभाग अपने स्टॉल पर लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन से लेकर उन्हें प्रदान की जानेवाली खाद-बीज, कीटनाशक आदि के वितरण की सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगे। पशुओं के रोग नियंत्रण एवं गर्भाधान से जुड़ी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। सूत्र बताते हैं कि अभियान की जड़ में राजनीतिक उद्देश्य भी छिपा है। संसदीय चुनाव निकट है, बीजेपी सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के बहाने सत्तापक्ष अपने पक्ष में जनसमर्थन खड़ा करने का प्रयास कर सकतीहै। अभियान को सफल बनाने के लिए सभी मेलों व प्रदर्शनियों में स्थानीय जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में सरकार की शह पर सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि किसान मेले व प्रदर्शनियों को चुनावी सभाओं की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। मेले व प्रदर्शनियों को एक से दो दिनों तक आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन जनप्रतिनिधि व निवासी चाहें तो उनकी मांग पर इसमें एक दिन इजाफा कर सकेंगे।
