लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ भगवान रामलला के दर्शन किए। इस मौके पर पूरे विपक्ष, (सपा को छोड़कर) ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। इस मौके पर यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि मैं बहुत भावुक हूं क्योंकि मैं जब इस स्थान पर आया था तो यहां एक ढ़ांचा खड़ा था, जो 6 दिसंबर को हमारे सामने टूटा था। मैं उस समय यहां पर आया था जब 1990 में यहां गोली चली थी। मैं उस समय यहां पर आया था जिस समय चबूतरे का निर्माण हुआ था… और आज सबसे सौभाग्य की बात है कि भगवान के प्रत्यक्ष रूप से दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ…। वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्य आज भगवान रामलला के दर्शन करने के लिए आए हैं… भगवान राम सबकी मनोकामना पूरी करें और तीसरी बार 400 पार के साथ प्रचंड बहुमत की मोदी सरकार देश में बने…सब लोग आनंदित हैं… जो नहीं आए हैं वो केवल सपा है और सपा मतलब सफा है…। वहीं यूपी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा कि विपक्ष में सभी तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले लोग हैं, चाहे कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी हो… समाजवादी पार्टी को विरासत में इनके पुरखों ने सनातन धर्म का विरोध दिया है… जिन्होंने राम भक्तों पर गोली चलवाने का काम किया है वो किस मुंह से यहां आएंगे, इसलिए उन्होंने (सपा) विरोध किया। आपको बता दें कि भगवान रामलला के दर्शन को पूरी योगी सरकार निकल पड़ी है। योगी सरकार ही क्या कांग्रेस, बसपा, रालोद के विधायक भी भगवान के दर्शन को 10 बसों से पहुंच चुके हैं। सभी माननीयों का काफिला विशेष रूप से सजी बस अयोध्या पहुंच चुकी है। सभी विधायक बहुत खुश नजर आ रहे हैं। हर जगह रामनाम का जयघोष हो रहा है। पूरा माहौल भक्तिमय है। पूरी योगी कैबिनेट और विपक्ष भगवान रामलला के दर्शन को आतुर दिखाई दे रहा है। हालांकि यहां विशेष बात यह है कि सपा ने सरकार का रामलला के दर्शन का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। सपा ने कहा है कि वो बाद में रामलला के दर्शन करेगी। भगवान रामलला के दर्शन के निमंत्रण को ठुकराने से बीजेपी को सपा को घेरने का एक और मौका दे दिया है।
