बोरवेल अर्थात निर्माण स्थल के करीब बने गड्ढों में बच्चों के गिर जाने की घटनाएं हमारे देश मे पिछले कुछ वर्षों में बहुत ज्यादा बढ़ी हैं। एक रिसर्च के अनुसार हर साल भारत में डेढ़ दो हज़ार बच्चे इस तरह के खुले बोरवेल में गिर जाते हैं और उनके बच पाने के आंकड़े बहुत कम हैं। इस दिल दहला देने वाली सच्चाई को एक मुद्दा बनाते हुए युवा निर्देशक गेब्रियल वत्स ने फिल्म “गौरैया लाइव” बनाई है जो 29 मार्च को रिलीज के लिए तैयार है।इस फ़िल्म का म्युज़िक लॉन्च मुम्बई के सहारा स्टार होटल में भव्य रूप से किया गया जहां निर्माता निर्देशक के साथ बॉलीवुड के प्रतिष्ठित गायक शान, गीतकार और अभिनेत्री सीमा सैनी, संगीतकार सुंजॉय बोस, अभिनेता विनय झा और ऎक्टर नरेंद्र खत्री इत्यादि मौजूद रहे। इस अवसर पर फ़िल्म के गीत माटी माटी रे, झुमरी तलैया दिखाए गए जिसे सभी ने पसन्द किया। फ़िल्म का टीज़र भी बहुत प्रभावी है।म्युज़िक लॉन्च पर सिंगर शान ने कहा कि इस फ़िल्म का सब्जेक्ट सच्ची घटना पर आधारित है। जहां गौरैया नामक 10 साल की बच्ची एक बोरवेल में गिर जाती है। इस तरह की घटनाएं बड़ी दुखद होती हैं। अभी हाल ही में एक बच्चे के बोरवेल में गिरने की खबर भी आई थी, जिसे बचाया न जा सका। गौरैया की उस बोरवेल में जिंदगी से जद्दोजहद दिखाई गई है। वह 30 घण्टे उस गड्ढे में रहती है जहां उसका संघर्ष जारी रहता है। उसके मां बाप कितने परेशान होते हैं, खुद बच्ची के दिल दिमाग मे क्या चल रहा होता है, यह सब कुछ दर्शाया गया है।शान ने आगे कहा कि हालांकि स्टोरी बहुत इंटेंस है मगर इसमें काफी अच्छे सिचुएशनल गाने भी हैं। कहानी भोपाल की बताई गई है और भोपाल शहर राजा भोज का शहर है। राजा भोज की आवाज़ से फ़िल्म शुरू होती है और मैंने वह वाइस ओवर दिया है। सीमा सैनी ने अच्छे गाने लिखे हैं और कुछ गाने कंपोज भी किए हैं। बोस दादा की कम्पोज़िशन में गाकर मजा आ गया रेयर फिल्म्स और टी एंड पोएट्री फिल्म्स के बैनर तले बनी इस सर्वाइवल ड्रामा फ़िल्म के निर्माता राहुल रंगारे, डॉ. निशांत जैन, रोहित राज सिंह चौहान और राजीव जैन हैं। फ़िल्म गौरैया लाइव में अदा सिंह, ओंकार दास मानिकपुरी, सीमा सैनी, पंकज झा, शगुफ़्ता अली मुख्य किरदार में नज़र आएँगे साथ में गणेश सिंह, बलराम ओझा, नरेंद्र खत्री और आलोक चटर्जी जैसे प्रतिभाशाली कलाकार भी प्रमुख किरदारों में नज़र आयेंगे। पीपली लाइव फेम ओंकार दास मानिकपुरी ने उस बच्ची के मजदूर पिता का रोल किया है। निर्माता राहुल रंगारे ने कहा कि इस फ़िल्म की खास बात यह है कि इसकी शूटिंग सिर्फ 8 दिन में पूरी हुई है और फ़िल्म की शूटिंग के बाद सभी गाने बनाए गए हैं। नत्था के किरदार के लिए विख्यात ओंकार दास मानिकपुरी ने इसमें एक कंस्ट्रक्शन साइट पर कार्यरत मजदूर की भूमिका निभाई है। मजदूरों के बारे में कोई नहीं सोचता कि इतनी बड़ी इमारतें बनाने वाले इन मजदूरों का अपना कोई घर नहीं होता यह जहां काम करते है वहीं सो जाते हैं। ओंकार दास मानिकपुरी की बेटी एक खुले बोरवेल में गिर जाती है जो कंस्ट्रक्शन साइट पर ही रहती है। अब उसके बाद उसके बचाव कार्य का सिलसिला शुरू होता है। उस दौरान बच्चे की क्या मनोदशा होती है वह भी दिखाया गया है। उसके अलावा सब-प्लॉट में भी कुछ कहानियां चलती हैं।सीमा सैनी इस फ़िल्म की लेखिका, गीतकार, संगीतकार, अभिनेत्री और सह निर्मात्री भी हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किलों में और चुनौतीपूर्ण हालात में हमने सिर्फ 8 दिनों में इस की शुटिंग की है। हम ऊंची इमारतें बना रहे हैं, बड़े प्रोजेक्ट्स बना रहे हैं लेकिन उन मजदूरों उनके परिवार वालो के बारे में कुछ नही सोचते। ऐसे बोरवेल खुले छोड़कर हम नहीं सोचते कि इसमे कोई बच्चा गिर कर अपनी जान गंवा सकता है। यह फ़िल्म इसी गम्भीर मुद्दे को सामने लाने का काम करेगी।युवा फ़िल्म मेकर गेब्रियल वत्स ने कहा कि भोपाल की पृष्ठभूमि पर बेस्ड गौरैया लाइव एक मजदूर रामपाल की बेटी गौरैया की कहानी कहती है, जो एक बोरवेल में गिर जाती है। मैं अपने सभी निर्माताओं, अदाकारों का आभार प्रकट करता हूँ जिनके सपोर्ट के बिना इसको पूरा करना मुश्किल होता। फ़िल्म ‘गौरैया लाइव” के सह निर्माता सीमा सैनी , गेब्रियल वत्स, ऋषभ कुरैच्या, रणधीर सिंह ठाकुर और गौरव बग्गा हैं । फ़िल्म के लेखक गेब्रियल वत्स और सीमा सैनी हैं और निर्देशन गेब्रियल वत्स ने किया हैं। फ़िल्म का संगीत सुंजॉय बोस और सीमा सैनी की प्रतिभाशाली जोड़ी द्वारा दिया गया है, जिसके भावपूर्ण गीत सीमा सैनी ने लिखे हैं।
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