लखनऊ पहाड़ नगर टिकरिया ग्राम पंचायत के बीरमपुर निवासी शिवराज बाबा 2004 मे रिटायरमेंट के बाद में प्राकृतिक के साथ अपने लगाए हुए पौधों के साथ में जीवन जी रहे हैं पर्यावरण को बढ़ावा देना उनकी प्रथम प्राथमिकता है शिवराज बाबा असिस्टेंट रिसर्च ऑफिसर सीडीसी भारत सरकार दिल्ली में कार्यरत थे रिटायरमेंट के बाद में वह अपनी जननी जन्मभूमि पर बीरमपुर में अपने रिटायरमेंट के बाद मे अपने बाकी बचे हुए जीवन के उद्देश्य को लेकर वह अपनी बाग में 2003 में पौधारोपण कर अपने जीवन को उन्हीं के लिए समर्पण कर दिया है उनके नियम है कि वह सुबह उठकर अपने पौधों की देखभाल करते हैं आज वह पौधा पेड के रुप मे आ गये है आप देख भी सकते हैं 21 वर्ष के हो गए हैं अब उन पेड़ों में फल भी छांव भी सभी समाज के लोगों के लिए मिलती हैं शिवराज बाबा से सीख लेकर के पर्यावरण के प्रति अपना समर्पण भाव पैदा कर के पर्यावरण को और स्वयं को स्वच्छ और निर्मल बनाएं
