इजरायल और ईरान के बीच जिस तरह से घमासान चल रहा है उसके बाद एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या दुनिया एक और वर्ल्ड वर देखने जा रही है। ईरान और इजरायल के बीच हालत को देखते हुए कुछ ऐसा ही लग रहा है क्योंकि जिस तरह से इजरायल ने ईरान पर पलटवार किया है। उसे मिडल ईस्ट में युद्ध की आशंका और बढ़ गई है। ईरान ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर इसराइल ने 13 अप्रैल को की गई कार्यवाही के बाद पलटवार किया तो और भी बड़े हमले के लिए वह तैयार रहे।
नेतन्याहू ने जो कहा वह कर दिया
वामपंथी इजरायली दैनिक हारेत्ज़ के रक्षा विश्लेषक और स्तंभकार अमोस हरेल कहते हैं कि 20 साल से ईरान पर हमले की धमकी दे रहे नेतन्याहू का एक सपना या कम से कम उसका कुछ हिस्सा साकार हो गया है। ईरान की मौन प्रतिक्रिया ने सप्ताह भर चलने वाली फसह की छुट्टियों से पहले चिंतित इज़रायली जनता को शांत कर दिया है। इज़राइल ने भी हमला किया है, जबकि उसके पास अभी भी इस तरह की कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय राजनयिक समर्थन है, इससे पहले कि तात्कालिकता की भावना कम हो जाए और दुनिया का ध्यान गाजा में युद्ध और उसके गहराते अकाल पर लौट आए।
मिडिल ईस्ट में जंग के आसार
ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने कहा कि ईरानी शहर इस्फ़हान पर इज़राइल द्वारा कथित तौर पर दागे गए ड्रोन से कोई क्षति या हताहत नहीं हुआ। ईरानी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीनी अनुरोध पर अमेरिका के वीटो की निंदा की, जिससे विश्व निकाय द्वारा फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता को अवरुद्ध कर दिया गया। ईरानी राजनयिक नासिर कनानी ने वीटो को गैरजिम्मेदाराना और असंरचित बताया।
शहर दर शहर पर मिसाइल अटैक
इस्फ़हान शहर में एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया गया है। दरअसल ईरान का इस्फ़हान शहर कई लिहाज से महत्वपूर्ण है। इस्फ़हान शहर ईरानी सेवा का प्रमुख एयरबेस है यहां ईरान के परमाणु संयंत्र है। इसके साथ ही ईरान के कई और शहरों में भी धमाका की आवास सुनी गई है।