दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि इन्होंने दिल्ली से ऐसे प्रत्याशियों को उतारा जिनका न ही दिल्ली और न ही उनकी पार्टी से कोई वास्ता था। जिस आम आदमी पार्टी का जन्म कांग्रेस को खत्म करते हुए हुआ। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसके पीछे का कारण आम आदमी पार्टी से हुए गठबंधन को बताया है। उन्होंने कहा कि AAP कांग्रेस पर आरोप लगाकर बनी थी, फिर उससे गठबंधन कैसे हो सकता है? लवली के इस्तीफे को लेकर भाजपा कांग्रेस को घेरने में लग गई है।दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘एक तरफ पीएम मोदी के नेतृत्व में मिशन और विजन वाली पार्टी और गठबंधन है और दूसरी तरफ एक ऐसा गठबंधन है जिसके भीतर ही विभाजन, असमंजस है और यह टुकड़े-टुकड़े पार्टी है। आज अरविंदर सिंह लवली ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। इन्होंने दिल्ली से ऐसे प्रत्याशियों को उतारा जिनका न ही दिल्ली और न ही उनकी पार्टी से कोई वास्ता था। जिस आम आदमी पार्टी का जन्म कांग्रेस को खत्म करते हुए हुआ। जिनके साथ पंजाब में कुश्ती है उनके साथ दिल्ली में मोहब्बत है। इसे जनता समझ रही थी और अब कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता भी इससे तंग आकर अपनी निराशा को बयान कर रहे हैं इसलिए इस गठबंधन में जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कलेश ही चलता है।’वहीं, भाजपा नेता आर.पी. सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस में सब ठीक-ठाक नहीं है। कांग्रेस में एक परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है और परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है, जिससे जमीनी नेता तंग हैं। दिखाई देता है कि कल तक वे (कांग्रेस) जिन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे आज वे उन्हीं लोगों के साथ समझौता करके चुनाव लड़ रहे हैं। ये कैसे संभव है? साफ दिखाई दे रहा है कि वहां लोगों को घुटन हो रही है इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं।
राजकुमार चौहान ने पार्टी से दे चुके हैं इस्तीफा
हाल ही में राजकुमार चौहान ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। उन्होंने इसके पीछे प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के व्यवहार को कारण बताया है। वे उत्तर पश्चिम दिल्ली क्षेत्र से टिकट मांग रहे थे। उन्होंने टिकट न मिलने पर तीन दिन पहले बैठक में विरोध भी किया था। इस दौरान बाबरिया से नोकझोंक भी हुई थी। इस बारे में उनके खिलाफ पार्टी में एक शिकायत भी की गई है। यह शिकायत कार्रवाई के लिए आलाकमान के पास भेजी गई है, लेकिन उन्होंने शिकायत का निपटारा होने से पहले कांग्रेस छोड़ दी।
