प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। आजम खां, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को इस मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई। सात साल की सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई है। जिसमें सजा को रद्द करने और जमानत पर रिहा करने की मांग की गई है। जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। अब्दुल्ला को दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सजा पर मिली थी। आजम की तरफ से वकील और राज्य सरकार के वकीलों में दावे प्रतिदावे किए गए। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ में सुनवाई हुई। सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय मिश्रा ने बहस की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि जन्म प्रमाणपत्र बनाने वाला कौन? एफआईआर दर्ज करवाने वाला पीड़ित कैसे है? दरअसल, आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम पर दो अलग-अलग बर्थ सर्टिफिकेट रखने का आरोप हैं। एक सर्टिफिकेट 28 जून 2012 को जारी हुआ जो रामपुर नगर पालिका ने जारी किया। इसमें अब्दुल्ला के जन्मस्थान के रूप में रामपुर को दिखाया गया है, जबकि दूसरा जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में जारी किया गया। इसमें अब्दुल्ला के जन्मस्थान को लखनऊ दिखाया गया है।
