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जिंदगी के 77वें बसंत में पहुंच लालू प्रसाद यादव, ऐसे तय किया राजनीति का शिखर


देश की राजनीति में कई ऐसे राजनेता हुए जिन्होंने देश की दशा और दिशा को बदलने में अहम भूमिका निभाई। वहीं कई ऐसे भी नेता हैं, जिनके काम करने का अंदाज हमेशा लोगों को खूब भाया। ऐसे ही नेताओं की लिस्ट में शामिल राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव हैं। आज यानी की 11 जून को लालू प्रसाद यादव अपना 77वां जन्मदिन मना रहे हैं।वह सिर्फ बिहार के ही नहीं बल्कि देश के भी बड़े राजनीतिज्ञों की लिस्ट में शामिल हैं। गरीब परिवार में जन्मे लालू यादव ने राजनीति के शिखर तक का सफर तय किया है, हालांकि इस सफर में कई आरोप भी उन पर लगे। तो आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
बिहार के गोपालगंज में 11 जून 1948 को लालू प्रसाद यादव का जन्म हुआ था। उन्होंने गोपालगंज से अपनी शुरूआती शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने पटना के बीएन कॉलेज से लॉ में स्‍नातक और राजनीति शास्‍त्र में स्‍नातकोत्‍तर की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों से ही राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। कॉलेज के दौरान ही वह जयप्रकाश नारायण की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन का हिस्‍सा बने। इस दौरान उन्होंने जयप्रकाश नारायण, राजनारायण, कर्पुरी ठाकुर और सतेन्‍द्र नारायण सिन्‍हा जैसे राजनेताओं के सानिध्य में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की।
लोकसभा में एंट्री
राजनीति के माहिर खिलाड़ी लालू प्रसाद यादव ने छोटी उम्र में ही साबित कर दिया था कि राजनीति के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने जा रहे हैं। बता दें कि 29 साल की उम्र में उनको जनता पार्टी की ओर से छठी लोकसभा के लिए चुना गया।
बिहार की कमान संभाली
राजनीति में दांव-पेंच के साथ ही लालू प्रसाद यादव ने बिहार की राजनीति में भी अपना वर्चस्व कायम करना शुरूकर दिया। वह 10 मार्च 1990 को पहली बार वे बिहार के सीएम बनें। फिर दूसरी बार साल 1995 में वह सरकार बनाने में सफल रहे। फिर साल 1997 में लालू जनता दल से अलग हो गए और राष्ट्रीय जनता दल पार्टी बनाकर उसके अध्‍यक्ष बने।
IIM से लेकर हार्वर्ड तक हुई चर्चा
फिर साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में लालू यादव के बिहार के छपरा से संसदीय सीट जीतकर केंद्र में यूपीए शासनकाल में रेलमंत्री बने। इस दौरान उन्होंने कई अहम फैसले लिए। जिसकी तारीफ भारत के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों में भी हुई। उनके काम और मैनेजमेंट स्किल्स की चर्चा आईआईएम से लेकर हार्वर्ड तक हुई।
लालू प्रसाद के बारे में
वह 8 बार बिहार विधानसभा के सदस्‍य रह चुके हैं।
साल 2004 में पहली बार बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता बने।
साल 2002 में छपरा संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में वे दूसरी बार लोकसभा सदस्‍य बने।
लालू प्रसाद बोलने की शैली के लिए काफी फेमस हैं। इस शैली की वजह से लालू प्रसाद भारत सहित विश्‍व में भी अपनी विशेष पहचान बनाए हुए हैं।
चारे घोटाले में नाम
साल 1997 में लालू यादव का चारा घोटाले में नाम आया, जिसके बाद उन्होंने बिहार सीएम का पद अपनी पत्नी को सौंप दिया और लालू जेल चले गए। हालांकि वह दिसंबर में जमानत पर छूट गए और साल 2018 में कोर्ट अलग-अलग केसों में उनको सजा सुनाई गई। फिलहाल लालू प्रसाद यादव अभी जमानत पर बाहर हैं।

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