राहुल गांधी और हर विपक्षी लीडर के पास है लाल किताब
लखनऊ। 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का सबसे बड़ा हथियार संविधान रहा। पक्ष और विपक्ष दोनों के भाषणों में संविधान की चुनावी कैंपेन में चर्चा होती रही। चुनाव संविधान बदलने के आरोपों के बीच लड़ा गया। इंडिया गठबंधन ने आरोप लगाया था कि एनडीए 400 सीटों का दावा इसलिए कर रही हैं क्योंकि वह संविधान बदलना चाहती हैं। बीजेपी के ही लीडरों ने विपक्ष को यह मुद्दा बैठे बैठाए सौंप दिया था, कहा जाय तो शायद गलत नहीं होगा।चुनाव के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने सार्वजानिक घोषणा भी की थी कि 400 सीटें हासिल कर संविधान में बदलाव किया जाएगा। अयोध्या के सांसद रहे लल्लू सिंह इसी के चलते संसद में वापसी नही कर पाये। राहुल गांधी इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा मुखर थे। इस मसले पर अखिलेश यादव भी कुछ कम नही बोले। राहुल गांधी तो जनसभाओं में संविधान की लाल किताब के साथ पहुँचते थे। लोकसभा सत्र के पहले दिन तो भी इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी सांसदों के हाथ में पॉकेट साइज के संविधान की किताब थी। लोगों के जेहन में सवाल है कि यह कौन सा संविधान हैं जो इतने छोटे आकर का हैं। ईस्टर्न बुक कंपनी लखनऊ के सेल्स हेड सुधीर कुमार के मुताबिक श्यह संविधान का कोट-पॉकेट एडिशन है। इसके आकार के अनुरूप यह एक जज या ऐडवोकेट की जेब में आ जाती है इसलिए इसका नाम कोट-पॉकेट एडिशन रखा गया है। 2009 में इसे पहली बार प्रकाशित किया गया था। इसमें बाइबिल पेपर का इस्तेमाल किया गया है जो बहुत पतला होता है।
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