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PM Narendra Modi ने भूस्खलन के बाद की केरल के सीएम से बात


केरल के वायनाड में भीषण बारिश के बीच लैंडस्लाइड हुई है। लैंडस्पाइड के बाद मलबे में कई लोग फंस गए है। लोगों को बचाने के उद्देश्य से बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वहीं इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे में जान गंवाने वालों के लिए दुख व्यक्त किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से बात भी की है। उन्होंने संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया है कि केंद्र से हर संभव मदद राज्य को दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। वहीं, घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
केरल में भूस्खलन से तबाही
केरल के पहाड़ी इलाके वायनाड में मंगलवार की सुबह भूस्खलन हो गया है। इस हादसे में पीटीआई के मुताबिक तीन बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हुई है। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। इस पोस्ट में कहा गया कि ‘‘वायनाड में कुछ जगहों पर भूस्खलन की खबर से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजन को खोया है और जो घायल हुए हैं, मैं उनके शीर्ष स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान जारी है।’’ मोदी ने लिखा, ‘‘केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से बात की और वहां उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।’’ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने राज्य से संबंध रखने वाले दो केंद्रीय मंत्रियों-सुरेश गोपी और जॉर्ज कुरियन से भी मौजूदा स्थिति पर बात की। उन्होंने बताया कि मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से क्षेत्र में राहत कार्यों में मदद के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को भी भेजने को कहा।
भूस्खलन ने बड़े पैमाने पर तबाही के निशान छोड़े
बता दें कि केरल के वायनाड में भूस्खलन की घटना के बाद कई मकान तबाह हो गए है। यहां नदियों में उफान आ गया है। पेड़ उखड़े पड़े है। भूस्खलन के कारण मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों का संपर्क अन्य इलाकों से बिलकुल टूट गया है। बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा जा सकता है। उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे और विनाश हो रहा है। पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं। बचाव कार्यों में जुटे लोगों को भारी बारिश के बीच शवों और घायलों को एम्बुलेंस तक ले जाते हुए देखा जा सकता है।भूस्खलन की घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और बाढ़ के पानी ने हरे-भरे क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है। प्राधिकारियों ने बताया कि वायनाड जिले में भूस्खलन के कारण तीन बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई है। वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है। इसके अलावा, पांच वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों के शव पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से बरामद किए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं।

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