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SC-ST कोटा में क्रीमी लेयर मानदंग का रामदास अठावले करेंगे विरोध


व्यापक कोटा लाभ के लिए इन समुदायों के भीतर उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के कुछ दिनों बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण में क्रीमी लेयर मानदंड लागू करने के किसी भी कदम का विरोध किया। अठावले ने कहा कि एससी/एसटी के लिए आरक्षण जाति पर आधारित है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) एससी और एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर के मानदंड लागू करने के किसी भी कदम का कड़ा विरोध करेगी।सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि उन जातियों को आरक्षण प्रदान किया जा सके जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली सात-सदस्यीय संविधान पीठ ने 6:1 के बहुमत के निर्णय के जरिये ई वी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश सरकार मामले में शीर्ष अदालत की पांच-सदस्यीय पीठ के 2004 के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि अनुसूचित जातियों (एससी) के किसी उप-वर्गीकरण की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि वे अपने आप में स्वजातीय समूह हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे एससी और एसटी के भीतर अधिक पिछड़ी जातियों को न्याय मिलेगा। उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सामान्य श्रेणी के सदस्यों के लिए भी समान उप-वर्गीकरण का आह्वान किया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि राज्यों को एससी और एसटी के बीच क्रीमी लेयर की पहचान करने और उन्हें आरक्षण लाभ से बाहर करने के लिए एक नीति विकसित करनी चाहिए।

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