महंत बालक दास बोले, सरकार खत्म करे वक्फ बोर्ड या बनाए सनातन धर्म बोर्ड
वाराणसी । वाराणसी के पातालपुरी मठ में अखिल भारतीय व्यास संघ का अधिवेशन आयोजित किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश और बिहार के 50 से अधिक कथा वाचक (व्यास) शामिल हुए। इस अधिवेशन में धर्मांतरण, वक्फ बोर्ड और वर्शिप एक्ट के मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। व्यास संघ ने इन मुद्दों पर अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की। अधिवेशन के दौरान पातालपुरी मठ के महंत बालक दास ने कहा कि वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाना चाहिए और यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो सरकार को सनातन धर्म बोर्ड बनाना चाहिए, जिसमें वक्फ बोर्ड जैसी ही सुविधाएं हों। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। महंत बालक दास ने अधिवेशन में चर्चा करते हुए कहा कि देशभर में धर्मांतरण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है और कई बार हमारे देवी-देवताओं का अपमान भी किया जाता है, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने तिरुपति बालाजी और ज्ञानवापी मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन मुद्दों पर सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तो वे अपने प्रवचनों के दौरान इसका विरोध जताएंगे और जनजागरण करेंगे। व्यास संघ ने वक्फ बोर्ड और वर्शिप एक्ट को समाप्त करने की पुरजोर मांग की। महंत बालक दास ने कहा कि सनातन धर्म से जुड़े लोगों के हितों की सुरक्षा के लिए एक समान बोर्ड होना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर सरकार इन मांगों को नजरअंदाज करती है, तो वे व्यापक आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होंगे। अधिवेशन में हाल के समय में कुछ कथा वाचकों द्वारा विवादित टिप्पणियों पर भी चर्चा की गई। महंत बालक दास ने कहा कि कथा वाचन के दौरान गलत बयानबाजी से सनातन धर्म को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने घोषणा की कि व्यास संघ जल्द ही एक सख्त आचार संहिता तैयार करेगा, जिसके तहत यदि कोई कथा वाचक गलत बयान देता है, तो उसे दंडित किया जाएगा। इस अधिवेशन के दौरान व्यास संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अपने प्रवचनों और कार्यक्रमों के जरिए विरोध जारी रखेंगे और आंदोलन को तेज करेंगे।
