कांग्रेस सांसद टैगोर ने पांच नवंबर को लिखे अपने पत्र में कहा कि ये संशोधन बेहद परेशान करने वाले हैं और इनसे लगभग 14 लाख एलआईसी एजेंटों और लाखों पॉलिसीधारकों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एलआईसी की पॉलिसी में हालिया बदलावों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि ये संशोधन बहुत परेशान करने वाले हैं। इनसे करीब 14 लाख एलआईसी एजेंटों और लाखों पॉलिसीधारकों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
‘2047 तक भारत की पूरी आबादी को बीमा देने का लक्ष्य’
सीतारमण को लिखे अपने पत्र में सांसद ने कहा कि सरकार ने 2047 तक भारत की पूरी आबादी को बीमा देने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसका मुख्य लक्ष्य विशेष रूप से ग्रामीण और आर्थिक रूप से वंचित क्षेत्रों में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। हालांकि, एलआईसी द्वारा हाल ही में किए गए नीतिगत बदलावों और फैसलों के कारण एजेंटों के लिए जीवन बीमा पॉलिसियों को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देना और बेचना मुश्किल हो रहा है। इससे इस अभियान में सीधे तौर पर बाधा आ रही है।
एक अक्तूबर से लागू हुए बदलाव
विरुधुनगर से सांसद मणिकम ने कहा, ‘मैं जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की नीतियों में हाल ही में हुए बदलावों के बाद एलआईसी एजेंटों और पॉलिसीधारकों की चिंताओं को व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं, जो इस साल एक अक्तूबर से प्रभावी हो गए हैं।’
पांच नवंबर को लिखा पत्र
टैगोर ने पांच नवंबर को लिखे अपने पत्र में कहा कि ये संशोधन बेहद परेशान करने वाले हैं और इनसे लगभग 14 लाख एलआईसी एजेंटों और लाखों पॉलिसीधारकों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है, जो किफायती जीवन बीमा के लिए एलआईसी पर निर्भर हैं। चिंताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंवे कहा कि एलआईसी का प्राथमिक उद्देश्य हमेशा से ग्रामीण क्षेत्रों और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक जीवन बीमा कवरेज का विस्तार करना रहा है।
यह है चिंता का कारण
उन्होंने कहा कि इस अभियान के उलट एलआईसी ने हाल ही में न्यूनतम बीमा राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया है और सभी प्रीमियम दरों में वृद्धि की है। उन्होंने कहा, ‘इसका ग्रामीण, निम्न और मध्यम आय वर्ग पर बहुत अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह लोग उच्च प्रीमियम पर बीमा पॉलिसियों का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं।’उन्होंने आगे बताया कि एलआईसी एजेंटों के लिए कमीशन की दर बीमा अधिनियम 1938 के अनुसार तय की गई थी।
कमीशन दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई
कांग्रेस सांसद ने कहा कि एजेंटों और बीमा उद्योग की ओर से कई बार अनुरोध किए जाने के बावजूद, कमीशन दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जबकि आईआरडीएआई ने 2013, 2017 और 2020 में गजट अधिसूचनाओं के माध्यम से वृद्धि की अनुमति दी थी। हालांकि, एलआईसी इन वृद्धि को लागू करने में नाकामयाब रही है।
लाखों एजेंटों की आजीविका पर पड़ता असर
उन्होंने कहा कि एक अक्तूबर, 2024 से शुरू की गई नई नीतियां कमीशन को और कम कर देती हैं, जिसका सीधा असर लाखों एजेंटों की आजीविका पर पड़ता है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, मैं हाल ही में लागू किए गए बदलावों की समीक्षा के लिए आपके तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करता हूं। मैं आपसे उन नीतियों पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं जो एजेंटों और पॉलिसीधारकों दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई की जाए कि एलआईसी समाज के सभी वर्गों को सही और सस्ती जीवन बीमा दे सकें।’उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि आपके समर्थन से, एलआईसी एजेंटों और पॉलिसीधारकों की चिंताओं का तुरंत समाधान किया जाएगा।’
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