उत्तर प्रदेश में राज्य कर विभाग में 600 करोड़ रुपये के हेरफेर से जुड़े मामले में चार वरिष्ठ अधिकारी फंस गए हैं। कानपुर से जुड़े इस प्रकरण में करीब 165 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें अपर आयुक्त स्तर के एक, संयुक्त आयुक्त स्तर के एक और उपायुक्त स्तर के दो अधिकारियों के नाम हैं।
कानपुर की एक मसाला और तंबाकू निर्माता फर्म की जांच राज्य कर विभाग की विशेष जांच शाखा ने की थी। जांच अपर आयुक्त स्तर के अधिकारी ने कराई थी। जांच में मसाला इकाई में आठ मशीनें मिलीं थीं। एक मशीन की स्पीड प्रति मिनट 2000 पाउच तैयार करने की होती है। विभाग के स्तर से 1000 पाउच प्रति मिनट की गणना की जाती है। लेकिन जांच अधिकारियों ने केवल 400 पाउच प्रति मिनट की स्पीड के आधार पर उत्पादन की रिपोर्ट बनाई। दोबारा जांच में भी इसी गणना के हिसाब से रिपोर्ट दाखिल की गई। आठ मशीनों के बजाय एक मशीन की रिपोर्ट लगाई गई। इस तरह करीब 600 करोड़ के टर्नओवर को छिपाकर लगभग 165 करोड़ की कर चोरी को छिपाया गया।
मूल तैनाती से हटाकर मुख्यालय से सम्बद्ध किया गया
इसी आधार पर संबंधित निर्धारण अधिकारी ने भी आदेश पारित कर दिया। पूरे मामले में अपर आयुक्त ग्रेड वन ने चार अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट शासन को भेज दी है। लेकिन, रिपोर्ट में कार्रवाई होने से पहले चार्जशीट की संस्तुति करने वाले अपर आयुक्त को मूल तैनाती से हटाकर मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है।
