लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी पार्टियों को बेहद खराब प्रदर्शन रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और उनके सहयोगी जीत के बड़े- बड़े दावे कर रहे थे, लेकिन चुनाव में यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद और ओम प्रकाश राजभर तो अपने बेटों तक को जितवा नहीं सके जिसके बाद इनकी अहमियत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। जिस पर अब संजय निषाद का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों ने दलिता,आदिवासियों के मन में आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाया जिस वजह से लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट किया जिस वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। संजय निषाद ने कहा कि यूपी में 23 परसेंट दलित मतदाता हैं, जिन्हें आरक्षण के सहारे ही विकास की मुख्य धारा में लाया गया लेकिन, उनके अंदर आरक्षण को लेकर भय पैदा किया गया। उनमें गैर जाटव लोग भी थे, हम उसे समझाने में नाकामयाब रहे काम तो हम लोगों ने बहुत किया था लेकिन हम उसे समझा नहीं पाए। जिससे हमें नुकसान उठाना पड़ा। बता दें कि संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संत कबीर नगर सीट से बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर मैदान में थे। यहां निषाद वोटों को अपने पक्ष में एकतरफा होने का दावा करने वाले संजय निषाद इन्हें अपने साथ जोड़कर नहीं रख पाए और निषाद वोट बंटकर सपा के साथ चला गया इस सीट पर प्रवीण निषाद को 92170 वोटों से सपा के पप्पू निषाद ने हरा दिया। वहीं आजमगढ़ में ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर को भी हार का सामना करना पड़ा। जबकि लोकसभा चुनाव के पहले जीत का दावा कर रहे थे।
