शहर में मतदान से पहले लोगों को उनसे मिलने के निमंत्रण को लेकर शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे और महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता मंगल प्रभात लोढ़ा के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। ठाकरे ने लोढ़ा पर मुंबई में छद्म अभियान चलाने और चुनाव के दौरान निष्पक्ष आचरण सुनिश्चित करने के लिए लगाई गई आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। इस बीच लोढ़ा ने कहा कि लोगों से मिलना-जुलना कोई अपराध नहीं है। एक्स पर आदित्य ठाकरे ने लोढ़ा पर मतदान से पहले उनके साथ बैठक के लिए अपने फाउंडेशन के माध्यम से लोगों को आमंत्रित करने का आरोप लगाया। अपने ट्वीट में उन्होंने भारत के चुनाव आयोग से पूछा कि क्या वह कदम उठाएगा और मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करेगा या क्या वे अन्य उम्मीदवारों को अपने मुद्दों को जानने या बताने के लिए एक ही समय में एक ही स्थान पर जाने की अनुमति देंगे।चुनाव आयोग को टैग करते हुए आदित्य ने लिखा कि आपसे ज्यादा कार्रवाई की उम्मीद नहीं है, लेकिन फिर भी अपनी आंखें खोलने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने दावा किया कि मुंबई में पेडर रोड के धीरज अपार्टमेंट में संरक्षक मंत्री (लोढ़ा) द्वारा एक छद्म अभियान देखा जा रहा है। ठाकरे ने कहा कि लोढ़ा फाउंडेशन के नाम से प्रेम कोर्ट, माहेश्वरी निकेतन और आनंद दर्शन को उनके मुद्दे जानने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। आदित्य ठाकरे के आरोपों का जवाब देते हुए प्रभात लोढ़ा ने कहा कि वह पिछले 30 साल से सार्वजनिक क्षेत्र में हैं और लोगों से जुड़ना कोई अपराध नहीं है।उन्होंने आदित्य ठाकरे को जवाब देते हुए ट्वीट किया कि पिछले 30 वर्षों से मैं सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रूप से सेवा करते हुए लगातार लोगों से जुड़ा रहा हूं। आज, मैंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है, और मैं उनका पालन करना जारी रखूंगा। आचार संहिता का मतलब घर पर रहना या रहना नहीं है सार्वजनिक मेलजोल से बचना कोई अपराध नहीं है।
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