मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए उन्हें महाराष्ट्र की राजनीति का खलनायक बताया और उन पर कई परिवारों को बर्बाद करने तथा राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा लेने का आरोप लगाया। राउत का यह बयान फडणवीस की, उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश के एक दिन बाद आया है। लोकसभा चुनावों में राज्य में भाजपा की लोकसभा सीटों की संख्या तेईस से घटकर नौ रह जाने के बाद फडणवीस ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश की।
उन्होंने कहा था कि वह इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के लिए पूर्णकालिक रुप से काम करना चाहते हैं। राउत ने यह भी कहा कि अगर अगर नरेन्द्र मोदी जबरन तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का प्रयास करते हैं तो, उनकी सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)मोदी का विकल्प ढूंढ रहा है। दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राज्यसभा के सदस्य ने कहा, अगर महाराष्ट्र की राजनीति में कोई खलनायक है, तो वह देवेंद्र फडणवीस हैं। लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार की वजह देवेंद्र फडणवीस हैं।
उन्होंने राजनीतिक प्रतिशोध के लिए कई परिवारों को तबाह किया है। राउत ने यह भी आरोप लगाया कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के बाद मोदी और अमित शाह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हावी होने की कोशिश की, लेकिन अब आरएसएस इस स्थिति में है कि वह निर्णय ले सकते हैं और मोदी को घर भेज सकते हैं। उन्होंने दावा किया, मोदी को पार्टी के अंदर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मेरी जानकारी के अनुसार संघ का शीर्ष नेतृत्व विकल्प तलाशने में लगा हुआ है। शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों में उनकी ‘हार’ हुई है।
उन्होंने कहा ‘‘चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़े गए और उन्हें (भाजपा को) बहुमत नहीं मिला। अगली सरकार बैसाखी के सहारे बनेगी। कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली रांकपा (एसपी) के गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) ने लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में 48 में से 30 संसदीय सीटों पर जीत दर्ज की। राज्य की सत्ता में काबिज महायुति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल हैं।
महायुति ने लोकसभा चुनावों में 17 सीटें जीतीं, जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई। कांग्रेस ने 13 सीटों पर जीत हासिल की, शिवसेना (यूबीटी) नौ और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने आठ सीटें जीती। भाजपा ने नौ सीटें, शिवसेना ने सात और रांकपा ने मात्र एक सीट जीती। इस प्रकार महायुति की सीटों की संख्या 17 हुई।