2024 के लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस को दिल्ली में लगातार तीसरी बार हार का सामना करना पड़ा है। यही कारण है कि पार्टी ने अपने संगठन को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने शुक्रवार को एक बड़ा संगठनात्मक बदलाव लागू किया, जिस पर वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की छाप दिखाई दी। इसने दो राज्यों के लिए महासचिव और नौ के लिए प्रभारी नियुक्त किए। वहीं इन पदों पर रहे छह नेताओं को हटा दिया। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजाब के प्रभारी एआईसीसी महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए महासचिव नामित किया गया है। रजनी पाटिल को हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ का प्रभारी बनाया गया है, जबकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश चौधरी अब मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी संभालेंगे। कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज नेता बीके हरिप्रसाद को हरियाणा की जिम्मेदारी सौंपी गई है और राहुल गांधी के करीबी सहयोगी कृष्णा अल्लावरू प्रमुख चुनावी राज्य बिहार की कमान संभालेंगे। अन्य प्रमुख नियुक्तियों में अजय कुमार लल्लू को ओडिशा का प्रभारी, के राजू को झारखंड का, मीनाक्षी नटराजन को तेलंगाना का और गिरीश चोदनकर को तमिलनाडु और पुडुचेरी का प्रभारी नियुक्त किया गया है। सप्तगिरि शंकर उलाका को मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और नागालैंड में पार्टी मामलों का प्रभार दिया गया है।फेरबदल में दीपक बाबरिया, मोहन प्रकाश, भरत सिंह सोलंकी, राजीव शुक्ला, अजॉय कुमार और देवेंद्र यादव सहित कई वरिष्ठ नेता बाहर हो गए, जिनके योगदान को पार्टी ने स्वीकार किया। कांग्रेस के आधिकारिक बयान ने पुष्टि की कि सभी नई नियुक्तियाँ तुरंत प्रभावी होंगी। ये बदलाव ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आए हैं जब पार्टी कई राज्यों में आगामी चुनावों की तैयारी कर रही है। हालांकि, इस इस फेरबदल में गांधी परिवार की झलक साफ तौर पर देखने को मिलती है। ये सभी नेता गांधी परिवार के बेहद करीबी बताए जाते हैं।
