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विनेश फोगाट के संन्यास की खबर से आग-बबूला शशि थरूर सिस्टम पर भड़के


पेरिस ओलंपिक से डिसक्वालिफाई होने के बाद भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने संन्यास लेने का एलान कर दिया। इसी खबर से कांग्रेस सांसद शशि थरूर का गुस्सा भड़क गया। भारत की दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार को संन्यास का एलान कर दिया। बुधवार को उन्हें महिलाओं की 55 किग्रा कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से बाहर कर दिया गया था। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान लोपेज गुजमान को 5-0 से हराया था। माना जा रहा था कि विनेश का पदक पक्का हो गया है, लेकिन उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया गया। उनके संन्यास की खबर से हर कोई स्तब्ध है। वहीं, सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि विनेश फोगाट लड़ते-लड़ते थक गईं। माना जा रहा है कि थरूर का इशारा केंद्र और बाकी पर था।
कांग्रेस सांसद थरूर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘इस सिस्टम से पक गई है ये लड़की, लड़ते-लड़ते थक गई है ये लड़की।’
मां कुश्ती मेरे से जीत गई: विनेश
दरअसल, पेरिस ओलंपिक से डिसक्वालिफाई होने के बाद भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने संन्यास लेने का एलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार को कहा, ‘मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024।’ उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी।
संन्यास के फैसले को बदलने को कहेंगे: महावीर फोगाट
विनेश फोगाट के ताऊ महावीर फोगाट ने विनेश के संन्यास के फैसले पर कहा, ‘जब भी विनेश आएंगी तो उन्हें समझाएंगे कि अभी और खेलना है और वह अपने संन्यास का फैसला बदल लें। हम उनसे दिल छोटा नहीं करने और अभी से 2028 ओलंपिक की तैयारी में जुटने को कहेंगे। मैं, बजरंग पूनिया और हम सभी मिलकर उसे समझाएंगे।’
1994 में हुआ था विनेश का जन्म
विनेश ने बड़े-बड़े टूर्नामेंट में देश का नाम रोशन किया। ओलंपिक पदक लाने से पहले उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के अलावा एशियाई खेल, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई चैंपियनशिप में तिरंगा लहराया है। 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बलाली गांव में विनेश फोगाट का जन्म हुआ। विनेश का जन्म भारत के सबसे प्रसिद्ध कुश्ती परिवार में हुआ। विनेश के ताऊ महावीर सिंह ने फोगाट बहनों को बहुत कम उम्र से ही इस खेल से परिचय करा दिया था। विनेश भी अपनी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता कुमारी के नक्शेकदम पर चल पड़ीं। महज नौ साल की उम्र में विनेश के पिता का अचानक निधन हो गया था। विनेश के ताऊ जी ने अपनी बेटियों विनेश को भी कुश्ती सिखानी शुरू की। लड़कियों को पहलवानी सिखाने पर फोगाट परिवार को समाज में ताने दिए जाते थे, लेकिन किसी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
विनेश फोगाट का करियर
2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश फोगाट ने अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। उन्होंने स्वर्ण जीता तो ओलंपिक खेलों में कदम रखने के लिए आत्मविश्वास बढ़ा। फिर 2016 रियो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली। हालांकि, उस दौरान वह पदक जीतने से चूक गईं, लेकिन इसके बाद उन्होंने 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण हासिल कियानूर सुल्तान में पहला विश्व चैंपियनशिप पदक हासिल किया और इससे पहले एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर सभी को हैरान कर दिया। 2021 एशियाई चैंपियनशिप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक का हिस्सा बनीं। साथ ही राष्ट्रमंडल खेल 2022 में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। विनेश फोगाट तीन राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।
पिछले साल खेल प्रणाली के खिलाफ किया था आंदोलन
पिछले साल यानी 2023 में 18 जनवरी को जब विनेश समेत भारत के कुछ दिग्गज पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे तो पूरा देश हिल गया। महिला खिलाड़ियों ने तब कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामला बढ़ा तो बृजभूषण को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। भारतीय कुश्ती संघ में चुनाव का एलान हुआ और बृजभूषण के करीबी संजय सिंह 21 दिसंबर को अध्यक्ष चुने गए। संजय सिंह के अध्यक्ष बनते ही विनेश की साथी पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया। उनके बाद बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया और पैरा पहलवान वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) ने भी पद्मश्री लौटाने की बात की। इसके बाद खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। तदर्थ समिति बनाई गई तो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। हालांकि, संजय सिंह को पहलवान अध्यक्ष मानने को तैयार हुए और आईओसी ने निलंबन हटा लिया। हालांकि, बृजभूषण पर आरोप तय होने के बाद सजा नहीं मिली तो विनेश ने भी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाने का एलान कर दिया।

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