बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर कथित तौर पर जातिवाद करने का आरोप लगाया और कहा कि लोग तय करेंगे कि बिहार का सच्चा सेवक कौन होगा। सिन्हा की यह प्रतिक्रिया तेजस्वी की राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना और बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण वृद्धि को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग के बाद आई है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता मालिक है और बिहार का सच्चा सेवक कौन होगा वो जनता तय करेगी। भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग जाति के जहर के लहर के कहर से बिहार को प्रभावित करते हैं, राजनीति में भी जातिय चश्मा पहनकर राजनीति को गंदा करते हैंऔर बिहार में भ्रष्टाचार बढ़ाते हैं, अपराधियों का मनोबल बढ़ाते हैं वो यात्रा करें या प्रवास करें, जनता जानती है कि वे केवल अपना विकास करेंगे। अपने परिवार की उत्थान और कल्याण के लिए नाटक रचा जा रहा है। तेजस्वी पर अपना हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास अपने माता-पिता के 15 साल के कार्यकाल में हुए कामों को गिनाने की कोई जगह है। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि एक जगह ये लोग 17 महीनें रहे और NDA 17 सालों तक सत्ता में रही। NDA के कार्यकाल में जो काम शुरू हुआ उसी को वे(राजद) गिनवा रहे हैं। जनता को बरगलाने, भौकाल बनाने की राजद की संस्कृति है। यही इनकी मानसिकता है। इस बीच, सिन्हा समकक्ष और बिहार के एक अन्य उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार में लालू यादव के 15 साल के शासन को याद किया और आरोप लगाया कि एक भी व्यक्ति को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव 15 साल तक सत्ता में रहे लेकिन उन्होंने एक भी व्यक्ति को आरक्षण नहीं दिया। उन्हें केवल परिवार के आरक्षण की चिंता है। लालू यादव के परिवार को कभी भी पूरे राज्य की चिंता नहीं रही। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद तेजस्वी यादव से एक तीखा सवाल पूछा था, जिसमें पूछा गया था कि तेजस्वी के माता-पिता अपने शासन के दौरान इसे आयोजित करना क्यों भूल गए।
