उरई/जालौन । जालौन की पहूज और यमुना में आई बाढ़ के कारण कोंच, माधौगढ़ और कालपी तहसील के 20 गांव में बाढ़ आने से हजारों लोग प्रभावित हैं। इन प्रभावित गांव का रविवार को झांसी मंडल के कमिश्नर विमल दुबे, जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पहूज और यमुना में आई बाढ़ से प्रभावित सूपा, मोहम्मदपुर गांव के ग्रामीणों को राहत किट बांटी और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।
झांसी मंडल के मंडलायुक्त विमल दुबे जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय के साथ माधौगढ़ तहसील के रामपुरा पहुंचेय जहां उन्होंने आईटीआई में बनाए गए राहत शिविर कैंप का निरीक्षण किया। साथ ही वहां लगाए गए मेडिकल कैंप में मौजूद डॉक्टर से बात की और बाढ़ प्रभावित लोगों को बेहतर इलाज देने की निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने ग्राम सूपा तथा मोहम्मदपुर के आए ग्रामीणों से बात की और उन्हें 130 राहत किट उपलब्ध कराए। ग्रामीणों से कहा कि किसी भी व्यक्ति को घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन पूरी मदद कर रहा है। खाने के इंतजाम किए गए हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को प्रशासन ने पूरी तरह से सुरक्षित निकाल लिया है। जानवरों के लिए भूसा चारे की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा एसडीआरएफ की टीम राहत कार्यों में लगी है। प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए पहले से ही पूरे इंतजाम कर लिए थे, इसीलिए सभी लोग आज सुरक्षित हैं और कोई जनहानि नहीं हुई है। धीरे-धीरे बाढ़ का पानी नीचे आ गया है, ऐसे में सभी लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की जरूरत है। क्योंकि बाढ़ के पानी उतर जाने के बाद बीमारियां बढ़ती हैं,। ऐसे में सभी लोग शिविर में लगाए गए, मेडिकल कैंप में डॉक्टर से उचित सलाह लेते रहें। जिससे उन्हें किसी प्रकार का बुखार आदि की समस्या आती है, तो वह डॉक्टर से अपना चेकअप करा सकते हैं। बाढ़ पीड़ितों से मिलने के बाद उन्होंने गौशाला के पास बनाए गए, कम्युनिटी किचन का भी निरीक्षण किया, जहां पर उन्होंने खान की गुणवत्ता चेक करते हुए जिलाधिकारी के साथ मिलाकर खाने का स्वाद लिया, जहां क्वालिटी अच्छी मिलने पर उन्होंने कम्युनिटी किचन में काम करने वाले लोगों की तारीफ की। जिसके बाद जिलाधिकारी के साथ मंडलायुक्त ने पचनद पर यमुना, पहूज से आई बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया।
कमिश्नर विमल दुबे ने कहा कि प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है, सभी को सुरक्षित स्थान और शिविर तक पहुंचाया गया है। किसी को डरने की जरूरत नहीं है, इतना ही नहीं एसडीआरएफ के साथ 20 मोटर बोट भी लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है, जिससे आने वाले समय में लोग सुरक्षित हो सकेंगे, सबसे बड़ी चिंता बाढ़ उतारने के बाद बीमारियों की है, इसीलिए मेडिकल शिविर भी लगाए गए हैं। जिससे किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि लगभग 2200 एकड़ कृषि भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है, जैसे ही बाढ़ का पानी नीचे उतरेगा उस और सही आकलन हो पाएगा। बारिश और बाढ़ के कारण जिनके मकान गिरे हैं, उनके सर्वे करने के बाद शासन से पूरी मदद मिलेगी।
