अगर दिमाग से काम न लिया जाए तो जुबान पर किसी का वश नहीं चलता है। कई बार वह अर्थ ता अनर्थ कर देती हैं। हाल ही में ये हादसा दिल्ली की नयी मुख्यमंत्री आतिशी के साथ हो गया। राजनेता की ऐसी जुबान फिसली की उन्होंने दशहरे का मतलब ही पटल कर रख दिया। राजधानी के आईपी एक्सटेंशन इलाके में रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ द्वारा आयोजित दशहरा समारोह में शामिल होने के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी की जुबान फिसल गई और उन्होंने कहा कि “असत्य और अन्याय की जीत होगी”।सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में आतिशी कहती सुनाई दे रही हैं, “असत्य की जीत होगी और अन्याय की हमेशा जीत होगी”। प्रभासाक्षी ने वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की है। फिलहाल ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी ज्याजा वायरल हो रहा हैं। वीडियो में उन्होंने कहा कि ‘रावण दहन’ हमें याद दिलाता है कि झूठ चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः जीत सत्य की ही होती है। आतिशी ने कहा, “भगवान राम ने हमें सिखाया है कि हमें कभी भी मर्यादा के मार्ग से विचलित नहीं होना चाहिए और कभी भी गलत रास्ते पर नहीं चलना चाहिए। हमें हमेशा बुराई के खिलाफ युद्ध करना चाहिए,” लेकिन अंत में उन्होंने कहा, “असत्य की जीत होगी, अन्याय की जीत होगी”।
आतिशी के बयान के बाद राजनीतिक नतीजे
राजनीतिक विरोधियों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजरों से यह बात छिपी नहीं रही। दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने सोशल मीडिया पर आतिशी की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों से उनकी असली मान्यताएं उजागर होती हैं। उन्होंने कहा, “ये आतिशी के असली विचार हैं। आज दिल्ली की सत्ता ऐसे अधर्मी लोगों के हाथ में है, जो सोचते हैं कि झूठ और अन्याय की जीत होती है।” कपूर ने मांग की कि आम आदमी पार्टी (आप) हिंदू भावनाओं का मजाक उड़ाने के लिए माफी मांगे। उनकी पोस्ट अन्य भाजपा नेताओं तक पहुंची, जिससे ऑनलाइन व्यापक चर्चा हुई।
भावनाओं से खेलने के लिए माफ़ी मांगने की मांग
इस आलोचना के जवाब में, राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर वीडियो शेयर किया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि “झूठ और अन्याय कभी नहीं जीतेंगे।” उन्होंने आतिशी से आग्रह किया कि वे अपनी क्षणिक चूक के बावजूद सत्य की स्थायी शक्ति को पहचानें।
रामलीला समिति ने आतिशी को एक गदा और एक स्मृति चिन्ह भेंट किया
दशहरा समारोह में, रामलीला समिति ने आतिशी को उनकी उपस्थिति का सम्मान करते हुए एक गदा और एक स्मृति चिन्ह भेंट किया। केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा और पूर्व मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी मौजूद थे और उन्हें इस कार्यक्रम में उनके योगदान के लिए स्मृति चिन्ह मिले। मल्होत्रा ने आज के समाज में भगवान राम की शिक्षाओं की प्रासंगिकता पर टिप्पणी की, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि रामलीला के माध्यम से भगवान राम की गरिमा का सार युवा पीढ़ी तक पहुँचाया जाता है।
