महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय का नाम बदलकर रतन टाटा महाराष्ट्र राज्य कौशल विकास विश्वविद्यालय करने का फैसला किया है। इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित करने के अलावा उनके सम्मान में दो अहम फैसले भी लिए थे। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि अब राज्य सरकार की ओर से उद्योग जगत में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को ‘रतन टाटा उद्योग रत्न पुरस्कार’ प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही मुंबई में उद्योग भवन का नाम भी रतन टाटा उद्योग भवन होगा।बता दें कि रतन टाटा को राज्य सरकार का पहला उद्योग पुरस्कार मिला है। उन्हें 19 अगस्त, 2023 को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार उद्योगपति रतन टाटा के घर गए। पिछले साल टाटा को जो पुरस्कार मिला था, वह पुरस्कार अब उनके नाम पर रखा गया है।बता दें कि रतन टाटा को राज्य सरकार का पहला उद्योग पुरस्कार मिला है। उन्हें 19 अगस्त, 2023 को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार उद्योगपति रतन टाटा के घर गए। पिछले साल टाटा को जो पुरस्कार मिला था, वह पुरस्कार अब उनके नाम पर रखा गया है। दरअसल, महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभाव चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में यह प्रयास शिंदे सरकार को एक बार जीत दिलाने में मददगार साबित हो सकती है।
पिछले हफ्ते हुआ था निधन
देश के उद्योग जगत के सबसे नायाब ‘रतन’ यानी रतन टाटा का निधन नौ अक्तूबर को हुआ। उम्र से जुड़ी बीमारी के बाद 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। इससे ठीक दो दिन पहले वे स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे।बता दें कि वे टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के पुत्र थे। पिछले हफ्ते सोमवार को खबरें आई थीं कि टाटा संस के मानद चेयरमैन को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दावा किया गया कि उनका ब्लड प्रेशर अचानक काफी गिर गया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया और आईसीयू में रखा गया। हालांकि, कुछ ही देर बाद खुद रतन टाटा ने अपने ही सोशल मीडिया हैंडल के जरिए इन अफवाहों को निराधार करार दिया था। रतन टाटा ने स्कूली पढ़ाई-लिखाई मुंबई से की। इसके बाद वे कॉर्नेल यूनिवर्सिटी चले गए, जहां से उन्होंने आर्किटेक्चर में बीएस किया। रतन टाटा 1961-62 में टाटा ग्रुप जुड़े थे। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम से प्रबंधन की पढ़ाई की। 1991 में वे टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने। साल 2012 में रिटायर हुए थे। उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
