प्रियंका गांधी को राहुल गांधी द्वारा छोड़ी गई वायनाड सीट से कांग्रेस ने टिकट दे दिया है। यह पहला मौका होगा जब गांधी परिवार का कोई सदस्य अपनी चुनावी पारी की शुरुआत यूपी के बाहर से करेगा। प्रियंका गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका को प्रत्याशी बनाने की औपचारिक घोषणा कर दी है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रियंका को प्रत्याशी बनाए जाने का एलान किया। बता दें कि प्रियंका खुद भी वायनाड से पार्टी का प्रतिनिधित्व करने को लेकर हामी भर चुकी हैं। विगत जून महीने में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे की घोषणा के बाद प्रियंका ने कहा था कि यहां से चुनाव लड़ना उनका सौभाग्य होगा।
सदन पहुंचीं तो यूपी के जुझारूपन की दक्षिण में भी दिखेगा झलक
गांधी परिवार की पहली सदस्य के रूप में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दक्षिण से अपनी सियासी कॅरियर की शुरुआत करने जा रही हैं। वह सदन पहुंची तो यूपी के जुझारूपन की झलक दक्षिण में भी देखने को मिलेगी। हालांकि पार्टी के तमाम नेता इस बात से उत्साहित हैं कि वह सदन में महिलाओं की आवाज बुलंद करेंगी।गांधी परिवार के ज्यादातर सदस्यों ने उत्तर प्रदेश से सियासी करियर की शुरुआत की। प्रियंका गांधी भी उत्तर प्रदेश आईं और प्रभारी के तौर पर चुनाव लड़ाया। इस दौरान वह विभिन्न घटनाओं में मौके पर पहुंची। कहीं महिलाओं को पुचकारा तो कहीं उनकी आवाज बनकर खड़ी नजर आईं, लेकिन सियासी फलक पर करिश्मा नहीं दिखा पाईं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद उम्मीद थी कि प्रियंका गांधी रायबरेली से उम्मीदवार बनेंगी, लेकिन यहां से राहुल गांधी सदन पहुंचे। राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ी तो अब वहां से प्रियंका गांधी उम्मीदवार हैं।
बाकी सदस्य पहले यूपी से चुने गए
सियासी जानकारों का कहना है कि गांधी परिवार के ज्यादातर सदस्यों ने उत्तर प्रदेश से सियासी पारी की शुरुआत की। प्रियंका गांधी जब भी उत्तर प्रदेश रहीं, वह अपने परदादा जवाहर लाल नेहरू और दादी इंदिरा गांधी से लेकर पिता राजीव गांधी, मां सोनिया गांधी के कार्यों को गिनाती रही हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने रायबरेली में मोती लाल नेहरू द्वारा किए गए आंदोलन को भी बयां किया। मोतीलाल नेहरू और जवाहर लाल नेहरू द्वारा किए गए आंदोलन के बहाने उन्होंने आम जनता को गांधी परिवार से जोड़ा और राहुल गांधी लोकसभा पहुंचने में कामयाब रहे। अब प्रियंका गांधी वायनाड से सियासी मैदान में हैं।
यूपी से दूर नहीं होंगी प्रियंका
ऐसे में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कहते हैं प्रियंका गांधी ने कभी भी खुद को उत्तर प्रदेश से अलग नहीं रखा है। ऐसे में वह कहीं से भी सदन में पहुंचे, लेकिन उत्तर प्रदेश की आवाज बुलंद करती रहेंगी। पार्टी के संगठन महासिचव अनिल यादव तर्क देते हैं कि प्रियंका गांधी के सदन में पहुंचने से महिलाओं की आवाज देश के सर्वोच्च सदन में पहुंच सकेगी। उत्तर प्रदेश की हर अप्रिय घटना को लेकर प्रियंका गांधी ने निरंतर विरोध जताया है। लोकसभा में पहुंच कर यह विरोध धमाकेदार तरीके से कर सकेंगी।
