मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही। वैसे-वैसे राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज होती जा रही है।आज चुनाव से उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तारीख है। ऐसे में, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। कल देर रात तक मराठा नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद उन्होंने चुनाव न लड़ने का एलान किया। बता दें, इससे पहले जरांगे ने कहा था कि उनके उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में 25 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।चुनावी प्रक्रिया में भाग न लेने का जरांगे का फैसला उनकी पिछली रणनीति से अलग है, क्योंकि उन्होंने कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को लेकर दावा किया था कि वे कुछ उम्मीदवारों का समर्थन या विरोध करेंगे।
कब होंगे चुनाव?
गौरतलब है, महाराष्ट्र की 288 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए करीब आठ हजार उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि चार नवंबर है। चुनाव 20 नवंबर को होंगे और तीन दिन बाद वोटों की गिनती होगी।
पहले पर्चा दाखिल करने की अपील और अब वापस लेने का कर रहे अनुरोध
मनोज जरांगे पाटिल ने एलान किया और कहा कि वे विधानसभा चुनाव में दाखिल किए गए सभी नामांकन को वापस लेंगे और चुनाव नहीं लड़ेंगे। जरांगे के आह्वान पर कई सीटों पर मराठा उम्मीदवारों ने पर्चा भी दाखिल किया था, लेकिन अब उन्होंने सभी से नामांकन पीछे लेने की अपील की है। पाटिल ने कहा कि आरक्षण के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि कल मराठा नेताओं के साथ बैठक में तय किया गया है कि चुनाव नहीं लड़ा जाएगा।
मराठा समुदाय खुद तय करेगा…
अंतरवाली सारथी गांव में सोमवार सुबह पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे ने कहा, ‘काफी विचार-विमर्श के बाद मैंने राज्य में कोई उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। मराठा समुदाय खुद तय करेगा कि किसे हराना है और किसे चुनना है। मेरा किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल से कोई जुड़ाव या समर्थन नहीं है।’
‘मुझ पर कोई दबाव नहीं’
सामाजिक कार्यकर्ता ने जोर देकर कहा कि उन पर सत्तारूढ़ महायुति या विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का कोई दबाव नहीं है। चुनावों पर अपने समुदाय के प्रभाव में विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस राज्य में मराठों के समर्थन के बिना कोई भी निर्वाचित नहीं हो सकता। इसके अलावा, उन्होंने मराठा समुदाय के सदस्यों से किसी भी राजनीतिक रैली में भाग न लेने और किसी भी पार्टी के बहकावे में न आने का आग्रह किया।उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने मराठा समुदाय के साथ अन्याय किया है या उन्हें परेशान किया है, उन्हें मतदान के माध्यम से सबक सिखाया जाना चाहिए।’जरांगे ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और कहा कि आरक्षण के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।
