महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का प्रचार थम गया। महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच मुकाबला है। बीजेपी के एक पोस्टर में सिर्फ़ मोदी और फडणवीस हैं। बीजेपी के कुछ विज्ञापनों में अजित पवार और एकनाथ शिंदे नज़र नहीं आये। संभावना है कि बीजेपी अपने किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाए।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार को थम गया। 20 नवंबर को मतदान होगा। राज्य में सत्ता की लड़ाई दो दलों महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच है। महायित में अजित पवार की एनसीपी, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना और बीजेपी शामिल है। फिलहाल महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही हैं। चुनाव बंटवारे के पहले से महायुति में तमाम खटपट की खबरें सामने आईं। अब एक पोस्टर सामने आया है। जिसमें सिर्फ बीजेपी के दो चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नजर आ रहे हैं। इस पोस्टर के कई मायने निकाले जा रहे हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान कई विज्ञापन निकाले। बीजेपी के निकाले गए कुछ विज्ञापन ऐसे थे, जिसमें महायुति गठबंधन की दो पार्टियों एनसीपी और शिवसेना के मेन चेहरे गायब थे। मतलब इनमें न तो अजित पवार नजर आ रहे थे न ही एकनाथ शिंदे।
महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन?
महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन के दोनों दलों को साथ लेकर तो चल रही है लेकिन कहीं न कहीं अलग प्लानिंग कर रही है। सूत्रों ने कहा कि बीजेपी ने मजबूरी में एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया था, अब महाराष्ट्र चुनाव का रिजल्ट तय करेगा कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा। फिलहाल अलग बीजेपी मजबूती से जीतती है तो संभव है कि वह एकनाथ शिंदे और अजित पवार को साइडलाइन करके महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बीजेपी के किसी नेता का बनाए। इसमें भी मुख्य चेहरे देवेंद्र फडणवीस ही हैं।
एकनाथ शिंदे के भी बदले सुर
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मन में भी कहीं न कहीं सीएम बनने को लेकर आशंका है। उन्होंने हाल ही में इस सवाल के जवाब पर कहा कि चुनाव नतीजे आने के बाद निर्णय लिया जाएगा कि अगला सीएम कौन बनेगा। साथ ही उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव में महायुति 160 से पार जाएगी और हमारी सरकार बनने से कोई रोक नहीं पाएगा।
अजित पवार का दावा
अभी तक माना जा रहा था कि महायुति को बहुमत मिलने पर एक बार फिर एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे। अब इस दावेदारी में देवेंद्र फडणवीस का नाम जुड़ गया है। हालांकि अजित पवार भी कई बार मुख्यमंत्री बनने की अपनी चाहत बयां कर चुके हैं। फिलहाल बीजेपी के तेवर रिजल्ट से पहले ही कुछ अलग नजर आ रहे हैं।
