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दिल्ली में आम लोगों के लिए खुला व्यापार मेला


अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2024 में आम जनता का हुजूम उमड़ा। पहले ही दिन 25 हजार से ज्यादा लोगों ने मेले का आनंद लिया। भारत मंडपम में स्वदेशी वस्त्र हस्तशिल्प जैविक उत्पादों और पारंपरिक वस्तुओं को खास तवज्जो दी गई है। झारखंड और बिहार मंडप में भारी भीड़ देखी गई। मेले में विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनियां भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनीं।
43वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में उमड़ी 25 हजार लोगों की भीड़
लोगों ने अपने-अपने राज्यों के मंडपों से हस्तशिल्प का सामान खरीदा
43वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला जब आम जन के लिए खोला गया पहले ही दिन 25 हजार से ज्यादा लोगों ने पहुंचकर मेले का आनंद लिया। 14 नवंबर से शुरू हुए इस मेले को 18 नवंबर व्यापारिक प्रतिनिधियों के लिए खोला गया था, लेकिन 19 नवंबर से इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया।मेले में आए अधिकांश लोगों ने अपने-अपने राज्यों के मंडपों में जाकर वहां की विशिष्ट सांस्कृतिक धरोहर और हस्तशिल्प का आनंद लिया। झारखंड और बिहार मंडप में भारी भीड़ देखी गई, जहां लोग पारंपरिक वस्त्र, हस्तशिल्प और क्षेत्रीय व्यंजनों में विशेष रुचि लेते दिखे। वहीं, बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों ने भारत की विविधता को करीब से देखने का अवसर प्राप्त किया।
पारंपरिक वस्तुओं को दी गई खास तवज्जो
भारत मंडपम में इस बार विकसित भारत के तहत स्वदेशी वस्त्र, हस्तशिल्प, जैविक उत्पादों और पारंपरिक वस्तुओं को खास तवज्जो दी गई है। लोग मिट्टी के बर्तन, खादी वस्त्र, हर्बल उत्पाद और स्थानीय कलाकृतियों की खरीदारी करते नजर आए। इसके अलावा, झारखंड के मंडप में आदिवासी कला, बिहार के मंडप में मधुबनी पेंटिंग और अन्य राज्यों के क्षेत्रीय उत्पादों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
मेले में विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनियां भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनीं। देश-विदेश से आए पर्यटक और स्थानीय लोग भारत की संस्कृति और विविधता को समझने और सराहने का अवसर पा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 27 नवंबर तक जारी रहेगा, जिसमें विभिन्न देशों के उत्पाद भी प्रदर्शित किए जाएंगे। आयोजकों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लोगों की संख्या में और वृद्धि होगी।
बुजुर्गों के लिए सुविधाओं की कमी पर सवाल
भारत मंडपम में टिकट बुकिंग और बुजुर्गों की सुविधाओं को लेकर अव्यवस्थाएं सामने आई हैं। एंट्री गेट नंबर 10 पर कई लोगों को यह समझने में परेशानी हुई कि टिकट कैसे लेनी है। आयोजकों ने गेट के बाहर एक बोर्ड लगाया था, जिसमें आनलाइन टिकट बुकिंग की प्रक्रिया समझाई गई थी, लेकिन इस प्रक्रिया को समझने और फॉलो करने में बुजुर्गों को विशेष दिक्कतें हुईं। 55 वर्षीय राम सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा, पहले ऐप डाउनलोड करने को कहा गया, फिर उसमें पासवर्ड डालने का विकल्प आया। सभी निर्देशों का पालन करने के बाद भी टिकट बुक नहीं हो सकी। कई अन्य लोगों ने भी इस प्रक्रिया को जटिल बताया।
बुजुर्गों और दिव्यांगों को घुमाने के लिए बढ़ेगी सुविधा
गेट नंबर दस पर बने वरिष्ठ नागरिक लाज में दिव्यांगों और बुर्जुगों के लिए पहले दिन जब आम लोगों के लिए मेला खुला तो बढ़ी संख्या में लोग पहुंच गए। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों को और दिव्यांगों को मेले में लगे लांज भीड़ रही। लोगों को ई-रिक्शा की सुविधा भी दी गई लेकिन ज्यादा भीड़ होने की वजह से लोग कुछ देर इंतजार करते नजर आए। सीएसआर फाउंडेशन के चेयरमैन दीनदयाल ने बताया कि शुरू के चार दिन में आठ ई-रिक्शा चल रहे थे जिसकी संख्या मंगलवार से आठ कर दी गई थई। अब जरुरत के हिसाब से और बढ़ाया जाएगा।

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