Breaking News
Home / अंतराष्ट्रीय / BMC का जब्ती नोटिस, नीलाम होगी संपत्ति!

BMC का जब्ती नोटिस, नीलाम होगी संपत्ति!


मुंबई में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने प्रॉपर्टी टैक्स न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बकाएदारों को संपत्ति जब्ती के नोटिस जारी किए हैं। 222 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया न चुकाने पर बीएमसी ने 10 बड़े बकाएदारों की संपत्तियों को जब्त करने की चेतावनी दी है। बीएमसी ने निर्धारित समय सीमा के भीतर बकाया प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरने वालों को धारा 203 के तहत जब्ती नोटिस जारी किया है। यदि निर्धारित समय में प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नहीं किया जाता है, तो उक्त संपत्ति को बीएमसी जब्त कर नीलाम करेगी। बकाएदारों को जारी नोटिस में बीएमसी ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रॉपर्टी जब्त करने के बाद भी बकाएदारों से कर वसूली नहीं हुई, तो धारा 206 के तहत संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी। बीएमसी ने लगातार दूसरे दिन मुंबई में 10 बड़े प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदारों की सूची जारी की है। इन बकाएदारों पर 222 करोड़ रुपये बकाया है।प्रॉपर्टी टैक्स बीएमसी की आय का प्रमुख स्रोत है। प्रॉपर्टी टैक्स की नोटिस मिलने के बाद 90 दिनों के भीतर टैक्स भरना होता है। इस अवधि में टैक्स न भरने वालों के खिलाफ बीएमसी चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई करती है।
बीएमसी का अंतिम नोटिस
प्रॉपर्टी टैक्स न भरने वालों को बीएमसी डिमांड लेटर जारी करती है, इसके बाद बकाएदारों को 21 दिन का अंतिम नोटिस दी जाती है। आखिरकार, बकाएदारों की संपत्ति जब्त करने, नीलामी आदि की कार्रवाई की जाती है। नागरिकों को टैक्स जमा करने में असुविधा न हो, इसके लिए ऑनलाइन सुविधा https://www.mcgm.gov.in पर उपलब्ध है।बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ बड़े बकाएदारों के टैक्स नहीं चुकाने और समय-समय पर नोटिस का जवाब नहीं देने के कारण उन्हें जब्ती नोटिस जारी किया गया है। इसमें बकाया राशि के साथ जुर्माना राशि भी शामिल है। इसके बाद बीएमसी के प्रावधानों के अनुसार नीलामी की प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। इससे बचने के लिए बकाएदारों को तुरंत टैक्स का भुगतान कर देना चाहिए।
कैसे होती है प्रॉपर्टी नीलामी?
बीएमसी अधिकारी ने बताया कि नीलामी से पहले कई तरह की कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। नीलामी प्रक्रिया के पहले चरण में जिन प्रॉपर्टी को नीलाम करना होता है, उनकी नीलामी के लिए सर्च रिपोर्ट, वैल्यूएशन, ऑक्शन और एसेट ट्रेसिंग के टेंडर जारी किए जाते हैं। यह काम पूरा होने बाद नीलामी प्रक्रिया को बीएमसी के पोर्टल पर डाला जाता है, फिर प्रॉपर्टी की नीलामी होती है। यदि नीलामी प्रक्रिया शुरू होने से पहले बकाएदार 25% बकाए का भुगतान कर बाकी के लिए पोस्ट डेटेड चेक देता है, तो उसकी प्रॉपर्टी नीलामी से बच सकती है।जो लोग ऐसा करने में नाकाम रहते हैं, उनकी प्रॉपर्टी की वैल्यू निकालकर नीलामी के लिए विज्ञापन दिए जाते हैं। साथ ही, बीएमसी की वेबसाइट और न्यूजपेपर्स में नोटिस प्रकाशित की जाती हैं। बता दें कि बीएमसी के प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदारों में आवासीय इमारतें, व्यावसायिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान, ओपन स्पेस, लघु उद्योग, सरकारी स्वामित्व वाली संपत्ति, शैक्षणिक संस्थान, मॉल्स आदि शामिल हैं।
क्यों आती है नीलामी की नौबत?
मुंबईकरों को बीएमसी आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराती है, Ṇजिसके बदले उनसे प्रॉपर्टी टैक्स लिया जाता है। कई प्रॉपर्टी मालिकों द्वारा संपत्ति कर का भुगतान नहीं किया जाता, इसमें कई बड़े डिफॉल्टर भी शामिल होते हैं। इन डिफॉल्टर्स में बड़ी कंपनियां, कॉर्पोरेट हाउस, डिवेलपर्स और सोसायटियां शामिल हैं। इन्होंने वर्षों से प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरा है। इससे बीएमसी प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। करोड़ों का बकाएदार होने और बीएमसी की कई नोटिसों के ये जवाब नहीं देते। ऐसे बकाएदारों की संपत्तियों को नीलामी करने के सिवा बीएमसी के पास कोई विकल्प नहीं बचता। हालांकि, नीलामी से पहले बीएमसी को कई कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, जिससे यह प्रक्रिया लंबी खिंच जाती है।

About United Times News

Check Also

“देश का नाम भारत है, इंडिया नहीं” – RSS महासचिव का बड़ा बयान

🔊 पोस्ट को सुनें आरएसएस के राष्ट्रीय महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि भारत …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Best WordPress Developer in Lucknow | Best Divorce Lawyer in Lucknow | Best Advocate for Divorce in Lucknow
× Join With Us