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पूर्व सांसद डॉ. रीता जोशी को पाकिस्तान से आई कॉल


पूर्व सांसद डॉ. रीता जोशी को ठगने का प्रयास किया गया। पाकिस्तान से कॉल आई। व्हाट्सएप कॉल पर साइबर ठग ने पूर्व सांसद से कहा कि आपका बेटा यूएसए में अपराधियों के साथ पकड़ा गया है। ठग ने खुद को सीबीआई अफसर बताया।कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के बेटे के अकाउंटेंट से 2.08 करोड़ रुपये की ठगी का मामला शांत नहीं हुआ था कि एक और इसी तरह का केस सामने आया है। इस बार प्रयागराज की पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी को व्हॉट्सएप कॉल से साइबर ठगों ने ठगने का प्रयास किया है। पूर्व सांसद को पाकिस्तान से कॉल की गई थी।ठगों ने उनके निजी व्हाट्सएप पर कॉलिंग कर रहा कहा, वह सीबीआई से बोल रहे हैं। पूछा कि उनका बेटा यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (यूएसए) में रहता है क्या? जवाब हां, में मिलने पर ठगों ने कहा कि आपका बेटा यूएसए में अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था। तभी उसे कुछ अपराधियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। वह पुलिस की गिरफ्त में हैं। इतने में पूर्व सांसद ने कहा कि ये क्या बकवास है। उनका बेटा उनका साथ है, यहीं मेरे सामने बैठा है। इस पर फोनकर्ता ने कहा कि अगर बेटा साथ है तो उससे बात कराओ। इससे साफ हो जाएगा कौन झूठ बोल रहा है। इतना कहते ही पूर्व सांसद ने कहा कि ऑफिस का लैंडलाइन नंबर दो, तुम्हारे अधिकारी से बात करनी है।
ऐसी ठगी से वाकिफ हूं, इसलिए बची- रीता बहुगुणा
रीता बहुगुणा जोशी ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि ठग का फोन आने के बाद फौरन उन्होंने पुलिस उच्च अधिकारियों को शिकायत दी थी। वह इस तरह की ठगी से पूरी तरह वाकिफ हैं, इसलिए वह ठगी का शिकार होने से बच गईं।
नंबर के आधार पर ठगों की तलाश में पुलिस
घटना के बाद पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने मामले की शिकायत साइबर सेल पुलिस के उच्च अधिकारियों से की। डीसीपी ने साइबर सेल में टीम गठित कर मामले की जांच आगे बढ़ा दी है। साइबर पुलिस को पता चला है कि फोन पाकिस्तान से किया गया था। इसके अलावा पुलिस को जांच में कुछ खास पता नहीं चला है।
10 दिन पहले ही अमेरिका से आए मयंक
साइबर पुलिस की जांच में पता चला कि रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी इन दिनों यूएसए में रह रहे हैं। करीब 10 दिन पहले ही वह अमेरिका से अपने घर आए हैं। साइबर पुलिस जांच में जुट गई है कि ठगों को मयंक के बारे में जानकारी कहां से हासिल हुई है। ठगों को कैसे पता चला कि मयंक यूएसए में रहते हैं। बहरहाल, साइबर पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।
मंत्री नंदी के बेटे के अकाउंटेंट से ठगी में कमीशन पर मुहैया करवाया गया था खाता
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के बेटे के अकाउंटेंट से ठगी के मामले में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। खाताधारकों के नाम पते पर पहुंची पुलिस ने तीन एजेंटों से लंबी पूछताछ की है। पता चला कि ये लोग कमीशन पर बैंक खाता मुहैया करवाते थे, इसके एवज में 10 से 20 फीसदी कमीशन लेते थे।
इस केस में भूमिका मिलने पर इनकी गिरफ्तारी हो सकती है। 13 नवंबर को अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ रुपये ठगने के बाद ठगों ने कोलकाता के एक्सिस बैंक में 68 लाख, बरेली के आईसीआईसीआई बैंक में 65 लाख और सिलीगुड़ी के यूको बैंक में 75 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए थे। जांच में पांच लोगों के नाम सामने आने पर साइबर पुलिस की तीन टीमें अलग-अलग राज्यों में रवाना हुई। इन्हीं खातों से पुलिस को ठगों के बारे में कई सुराग मिले। पुलिस ने बताया कि अब तक तकरीबन 50 से अधिक लोगों में पूछताछ हो चुकी है।
विदेशों तक जुड़ी चेन, एक बड़ा गिरोह शामिल
साइबर ठगी की चेन विदेशों तक जुड़ी है। दुबई के अलावा कंबोडिया का नाम सामने आ चुका है। पुलिस का मानना है कि ठग गिरोह के शातिरों ने कंबोडिया, चीन, लाओस, थाईलैंड, मलयेशिया, वियतनाम, दुबई आदि देशों में अपना ठिकाना बनाया है। यहां से लोगों के रुपये ठगने के बाद विदेश में बैठे आकाओं के पास भेजा जाता है।

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