ट्रंप ने दिग्गज कारोबारी एलन मस्क के साथ ही विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का संयुक्त कार्यभार सौंपा है। इस विभाग के तहत मस्क के साथ उन्हें सरकारी खर्च में फिजूलखर्ची को हटाने का काम सौंपा गया है। विवेक रामास्वामी ने पाकिस्तान सरकार के होटल और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को आड़े हाथों लिया है। दरअसल, एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि न्यूयॉर्क में स्थित फाइव स्टार रूजवेल्ट होटल में अवैध प्रवासियों को रखने के एवज में न्यूयॉर्क शहर ने उसे 220 मिलियन डॉलर का भुगतान किया है। इर होटल का स्वामित्व पाकिस्तान सरकार के पास है। विवेक रामास्वामी ने इस कदम की आलोचना की है। उन्होंने इसे पागलपन करार दिया है। दरअसल, ट्रंप ने दिग्गज कारोबारी एलन मस्क के साथ ही विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का संयुक्त कार्यभार सौंपा है। इस विभाग के तहत मस्क के साथ उन्हें सरकारी खर्च में फिजूलखर्ची को हटाने का काम सौंपा गया है।
न्यूयार्क शहर ने शहबाज सरकार के होटल को किया बड़ा भुगतान
अमेरिका में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से विदेशी प्रवासी पहुंचते हैं। पकड़े जाने पर उन्हें सरकारी खर्च पर रखा जाता है, जिन पर बाद में या तो अभियोग चलाया जाता है या वापस उनके देश भेज दिया जाता है। ऐसे ही अवैध प्रवासियों को रखने के लिए न्यूयार्क शहर ने लिए पाकिस्तान सरकार के स्वामित्व वाले एक होटल को 220 मिलियन डॉलर में किराये पर लिया। शनिवार को आई रिपोर्ट में इसका दावा किया गया था।
विवेक रामास्वामी हुए बाइडन सरकार पर हमलावर
इस खुलासे पर विवेक रामास्वामी भड़क गए। उन्होंने इसे पागलपन बताया। रिपब्लिकन रामास्वामी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि अवैध प्रवासियों के लिए करदाताओं द्वारा उस वित्तपोषित होटल को भुगतान किया गया, जिसका स्वामित्व पाकिस्तानी सरकार के पास है। इसका मतलब है कि न्यूयॉर्क के करदाता वास्तव में हमारे अपने देश में अवैध प्रवासियों को रखने के लिए एक विदेशी सरकार को भुगतान कर रहे हैं। यह पागलपन है।
लेखक जॉन लेफेवर ने की रिपोर्ट
उनका गुस्सा तब भड़का जब लेखक जॉन लेफेवर ने एक्स पर इसके बारे में रिपोर्ट की। उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों को रखने के लिए न्यूयॉर्क शहर ने मैनहट्टन स्थित रूजवेल्ट होटल को 220 मिलियन डॉलर में किराए पर लिया है। रूजवेल्ट होटल का स्वामित्व पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के पास है, जो एक शहबाज सरकार की एयरलाइन है। लेफेवरे ने कहा कि इस होटल का स्वामित्व पाकिस्तान सरकार के पास है। यह सौदा आईएमएफ के 1.1 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान को उसके अंतर्राष्ट्रीय ऋण की अदायगी में चूक से बचाना था। उन्होंने यह भी बताया कि इस सौदे से पहले होटल 2020 से बंद था। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट के नाम पर बने इस 19 मंजिला होटल, जिसमें 1200 से ज्यादा कमरें हैं, को लंबे समय से नवीनीकरण की सख्त जरूरत थी।
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